मुरादाबाद। मुरादाबाद पेरेंट्स आफ ऑल स्कूल की कोरोना संक्रमण काल के समय की फीस में 50 फीसदी की छूट की मांग को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है। स्कूल एसोसिएशन का कहना है कि अभिभावकों की यह मांग न्यायोचित नहीं थी।
एसोसिएशन के अध्यक्ष अनुज गुप्ता का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि 15 फीसदी का जो आदेश है वह (रूल ऑफ थंब) है। अगर हम 15 फीसदी से ज्यादा की छूट करते है तो स्कूलों को संचालन में दिक्कत होगी। फिर शिक्षकों को वेतन देने में दिक्कत आएगी। अभिभावकों की तरफ से पहले ही आप स्कूलों की याचिका में मौजूद हैं। यदि कुछ और कहना है तो स्कूलों की याचिका की सुनवाई के समय कहिएगा। अनुज गुप्ता ने बताया कि कोर्ट ने यह भी कहा है कि स्कूलों की एक समस्या है कि जो पहले 15 फीसदी या उससे ऊपर छूट दे चुके हैं, उनको हाई कोर्ट के आदेश के बाद फिर से देना पड़ सकता है। हम उस समस्या को देख रहे है और जांच करवा रहे हैं। कोर्ट ने यह बात कह कर याचिका को सुनने को मना कर दिया। अनुज गुप्ता का कहना है कि अभिभावक भी यही चाहते हैं कि हाईकोर्ट का आदेश बना रहे।
मुरादाबाद एसोसिएशन ऑफ प्राइवेट स्कूल्स के महासचिव नीरज कुमार गुप्ता का कहना है कि कोरोना काल के दौरान की फीस में 50 फीसदी छूट की मांग न्यायोचित नहीं थी। इसलिए सुप्रीम कोर्ट ने भी इस याचिका को खारिज कर दिया है। इलाहाबाद हाईकोर्ट द्वारा दिए गए 15 फीसदी फीस वापसी के मामले में याचिका सुप्रीम कोर्ट में लंबित है। इसके अलावा 15 फीसदी फीस समायोजन मामले को भी सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है, जबकि पूर्व छात्रों को वापस की जाने वाली फीस पर स्टे जारी है।