Moradabad News: आजमगढ़ घटना को लेकर अभिभावक व प्रधानाचार्य आमने-सामने

Moradabad News: आजमगढ़ घटना को लेकर अभिभावक व प्रधानाचार्य आमने-सामने


Moradabad News:आजमगढ़ घटना को लेकर अभिभावक व प्रधानाचार्य आमने-सामने – Azamgarh Incident: Guardian And Principal Face To Face – Moradabad News







































Azamgarh incident: Guardian and Principal face to face






मुरादाबाद। आजमगढ़ में एक छात्रा द्वारा आत्महत्या करने के मामले में अभिभावक व स्कूल आमने-सामने आ गए हैं। अभिभावक पदाधिकारियों ने कलक्ट्रेट में प्रदर्शन करते हुए मामले में सीबीआई जांच की मांग की। मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन देते हुए पिछले दिनों स्कूल बंद होने का विरोध किया गया। वहीं स्कूल एसोसिएशन ने भी मामले में उच्च स्तरीय जांच की मांग की है।

मुरादाबाद पेरेंट्स ऑफ ऑल स्कूल के अध्यक्ष अनुज गुप्ता ने बताया कि उत्तर प्रदेश प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन द्वारा 8 अगस्त को पूरे प्रदेश के सभी स्कूल बंद कराकर सरकार पर अनावश्यक दबाव बनाया गया है, जिससे दोषियों पर कार्रवाई न हो। उन्होंने कहा कि जब स्कूल प्रशासन को मोबाइल बरामद हुआ, तब बच्ची मोबाइल प्रयोग नहीं कर रही थी, सिर्फ उसके बैग में रखा हुआ था। 28 जुलाई को स्कूल बैग से मोबाइल बरामद होने की जानकारी स्कूल प्रशासन द्वारा श्रेया तिवारी के माता-पिता को नहीं दी गई। यदि छात्रा के पास से मोबाइल या अन्य कुछ आपत्तिजनक मिला भी था तो स्कूल प्रशासन की यह है जिम्मेदारी थी कि वह परिवार को बुलाकर शिकायत करता अथवा अनुशासनात्मक कार्रवाई करता।

उन्होंने मांग की कि सीबीआई से जांच कराई जाए। इसके साथ ही उन्होंने प्रदेश सरकार पर अनावश्यक दबाव बनाने वाले प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन पर भी कानूनी कार्रवाई करने की मांग की। क्योंकि उत्तर प्रदेश में स्कूल सेवा कार्य है, व्यावसायिक गतिविधि नहीं है। 8 अगस्त को छुट्टी करके प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन ने प्रदेश के सभी छात्रों की अपूरणीय क्षति की है, जिसकी पूर्ति नहीं की जा सकती। इस दौरान अंकित अग्रवाल, सनी सिन्हा, वैभव गुप्ता, कविता सचदेवा, राजदीप गोयल, अलका शर्मा, अग्रिम, आकाश गुप्ता, मनु मेहरोत्रा, आकाश रस्तोगी, मो आमिर, मो ज़मीर, अनुराग कुमार आदि मौजूद रहे।

दोषियों पर ही हो कार्रवाई

महासचिव मुरादाबाद एसोसिएशन ऑफ प्राइवेट स्कूल्स नीरज कुमार गुप्ता ने कहा कि हमारी भी यही मांग है कि मामले की उच्च स्तरीय जांच हो, ताकि किसी सही निष्कर्ष निकाला जा सके। यदि स्कूल शिक्षक दोषी हैं, तब उनके विरुद्ध कड़ी कार्रवाई हो और यदि अभिभावक दोषी पाए जाते हैं, तब उनके विरुद्ध भी कार्रवाई होनी चाहिए।
















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