अमर उजाला संवाद उत्तराखंड
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अमर उजाला संवाद उत्तराखंड में 19 जून को होटल सरोवर प्रीमियर में फिल्म, उद्योग व खेल जगत की हस्तियों का संगम होगा। एक ओर जहां यूथ आइकॉन खिलाड़ी युवाओं में जोश भरेंगे तो वहीं उद्योग जगत की हस्तियां सफलता के सूत्र सुझाएंगी। कार्यक्रम में बॉलीवुड गायक कैलाश खेर, महिला हॉकी टीम की कप्तान रानी रामपाल, फिल्म अभिनेत्री श्रिया शरण, इस्कॉन के प्रचारक गौरांग दास प्रभु, ब्रिटानिया इंडस्ट्रीज के सीईओ रंजीत कोहली आपसे रूबरू होने के लिए आ रहे हैं। स्वर्णिम शताब्दी की ओर कदम बढ़ा रहे अमर उजाला के इस कार्यक्रम में उत्तराखंड के आगामी 25 साल के विकास पर चर्चा होगी।
कैलाश खेर
बगड़ बम-बम लहरी…फेम सूफी गायक कैलाश खेर ने 18 भाषाओं में गाने गाये हैं। इन दिनों दौलत शोहरत गीत से सुर्खियां बटोर रहे कैलाश बॉलीवुड में 300 से अधिक गीतों को अपनी आवाज दे चुके हैं। कैलाश खेर को संगीत मानों विरासत में मिली हो। उनके पिता पंडित मेहर सिंह खेर पुजारी थे और अक्सर घरों में होने वाले इवेंट में परंपरागत लोक गीत गाया करते थे। कैलाश ने बचपन में पिता से ही संगीत की शिक्षा ली। इसके बाद 13 साल की उम्र में वह संगीत की और बेहतर शिक्षा के लिए परिजनों से बगावत करके दिल्ली चले गए। यहां आकर उन्होंने संगीत की शिक्षा के साथ ही गुजारा करने के लिए छोटा सा काम भी शुरू किया। साथ में विदेशी लोगों को संगीत भी सिखाकर पैसे कमाते थे। कैलाश ने मुंबई में कई सालों तक संघर्ष किया। फिल्म अंदाज से उन्हें ब्रेक मिला। इस फिल्म में कैलाश ने ””रब्बा इश्क ना होवे”” में अपनी आवाज दी। फिल्म वैसा भी होता है के गीत ””अल्ला के बंदे हम”” ने उन्हें रातोंरात सुरों का सरताज बना दिया। दर्जनों अवार्ड हासिल कर चुके कैलाश खेर ने 2009 में मुंबई निवासी शीतल से शादी की। उनका एक चार साल का बेटा कबीर है। बाहुबली 2 फिल्म में जयजकारा से लेकर उन्हें भगवान शिव की स्तुति पर आधारित कई गीतों के लिए शोहरत हासिल है।
श्रिया शरण
श्रिया शरण ऐसी फिल्म अभिनेत्री हैं, जो बॉलीवुड के साथ ही तमिल और तेलुगू फिल्मों में भी अपने अभिनय का जादू बिखेर चुकी हैं। 2007 में रजनीकांत की शिवाजी द बॉस फिल्म में अपनी छाप छोड़ने वाली श्रिया इन दिनों दृश्यम-2 में अपने अभिनय के लिए सुर्खियां बटोर रही हैं। 11 सितंबर 1982 को जन्मी श्रिया की शुरुआती शिक्षा हरिद्वार में हुई। उनके पिता बीएचईएल में काम करते थे जबकि मां डीपीएस रानीपुर में केमिस्ट्री की अध्यपाक थी। उन्होंने अपने कॅरियर की शुरुआत संगीत वीडियो में अभिनय से की। साथ ही कलाकार बनने का अपना सपना पूरा करने के लिए वे एक अभिनय स्टूडियो में भाग लेती थीं। वर्ष 2001 में इष्टम के साथ श्रीगणेश करते हुए, 2002 में अपनी पहली जबरदस्त हिट फिल्म संतोषम में भानु की भूमिका के जरिए उन्होंने तेलुगू सिनेमा का ध्यान अपनी ओर खींचा। 2007 में, शिवाजी: द बॉस में रजनीकांत के साथ अभिनय करने के बाद श्रिया शरण एक राष्ट्रीय हस्ती बन गईं। उनकी सर्वाधिक लोकप्रिय फिल्मों में संतोषम (2002), टैगोर (2003), शिवाजी: द बॉस (2007) और कंदस्वामी (2009) शामिल हैं।