जब तेजी बच्चन ने चंद्रा बारोट से कहा, मेरा बेटा मुन्ना फिल्मों में आने वाला है, उसका ख्याल रखना

जब तेजी बच्चन ने चंद्रा बारोट से कहा, मेरा बेटा मुन्ना फिल्मों में आने वाला है, उसका ख्याल रखना



निर्माता, निर्देशक फरहान अख्तर की बनाई ‘डॉन’ सीरीज की पहली फिल्म साल 2006 में रिलीज हुई और अब वह ‘डॉन 3’ बनाने जा रहे हैं, रणवीर सिंह के साथ। शाहरुख खान अभिनीत ‘डॉन’ जब रिलीज होने ही वाली थी तो मैं यहां वहां पता लगाकर एक दिन मुंबई के गोरेगांव पश्चिम में एस वी रोड स्थित सहारा वन चैनल के दफ्तर पहुंच गया। साल 1978 में 12 मई के दिन रिलीज हुई अमिताभ बच्चन अभिनीत फिल्म ‘डॉन’ के निर्देशक चंद्रा बारोट उन दिनों वहीं काम करते थे। अमिताभ बच्चन से तब भी उनकी बातें होती रहती थीं। इस फिल्म को लेकर चंद्रा बारोट से उस दिन लंबी बातें हुईं।



सामूहिक मदद का अनोखा उदाहरण

बहुत कम लोगों को पता है कि चंद्रा बारोट अपना फिल्मी गुरु निर्माता, निर्देशक, अभिनेता मनोज कुमार को मानते थे। मनोज कुमार की ही फिल्म ‘रोटी कपड़ा और मकान’ के सेट पर फिल्म ‘डॉन’ का बीज बोया गया। फिल्म के सिनेमैटोग्राफर नरीमन ईरानी ने एक दिन ब्रेक में अपनी दुख भरी कहानी फिल्म के कलाकारों अमिताभ बच्चन, जीनत अमान आदि को सुनाई। साथ में मनोज कुमार के असिस्टेंट चंद्रा भी बैठे थे। सबने मिलकर नरीमन ईरानी की मदद करने का फैसला किया। फिल्म की कहानी के लिए नरीमन की हेयर ड्रेसर पत्नी ने अपनी मालकिन वहीदा रहमान से गुजारिश की कि वह ज़रा सलीम-जावेद से सिफारिश कर दें।


जितेंद्र ने सुझाया अमिताभ का नाम

वो जमाना सलीम-जावेद का था। दोनों दनादन स्क्रिप्ट्स लिखते रहते थे। फिल्में उन पर बनें या ना बनें। ऐसी ही तमाम जगहों से रिजेक्ट हो चुकी एक स्क्रिप्ट उन्होंने नरीमन ईरानी को पकड़ा दी और इसी स्क्रिप्ट पर बनी फिल्म ‘डॉन’। फिल्म में पहले पहल जितेंद्र को लेने की बात चली लेकिन वह पहले से ही छह फिल्में कर रहे थे और निर्माताओं की तरफ से लगी सीलिंग के चलते वह सातवीं फिल्म साइन नहीं कर सकते थे। जितेंद्र ने ही चंद्रा बारोट को अमिताभ बच्चन का नाम सुझाया और इसके लिए अमिताभ बच्चन को फोन भी कर दिया।


रिलीज से पहले ही चल बसे नरीमन ईरानी

अमिताभ बच्चन उन दिनों मल्टीस्टारर फिल्में ही ज्यादा किया करते थे। एंग्री यंग मैन का ठप्पा लगने के बाद ‘डॉन’ उनकी पहली सोलो एक्शन फिल्म थी। ऐसे में चंद्रा बारोट कौन है, कोई पूछता तक नहीं था। चंद्रा ने बताया, ’किसी काम को शुरू करने के पीछे की नीयत ही उस काम की नियति बन जाती है। ऐसा मेरा पक्का मानना रहा है। हमने ये फिल्म नरीमन ईरानी की मदद करने के लिए बनाई थी। सुनील दत्त के साथ उन्होंने एक फिल्म बनाई थी ‘जिंदगी जिंदगी’, उसके फ्लॉप हो जाने से उनके ऊपर कर्ज काफी बढ़ गया था। कैमरामैन की नौकरी करके वह इसे चुका नहीं सकते थे। तो हम सबने मिलकर उनका हौसला बढ़ाया कि वह एक और फिल्म प्रोड्यूस करें ताकि उसके मुनाफे से उनका कर्ज उतारा जा सके। फिल्म ब्लॉकबस्टर हुई। ये और बात है कि फिल्म को बनने में करीब चार साल लग गए। रिलीज से पहले नरीमन ईरानी भी एक हादसे में चल बसे, लेकिन हम लोगों ने फिल्म का सारा मुनाफ़ा ले जाकर उनकी पत्नी सलमा को दे दिया और उन्होंने नरीमन का पाई पाई कर्जा चुका दिया।’


सिर्फ 120 सिनेमाघरों में लगी डॉन

वैसे सच ये भी है कि फिल्म ‘डॉन’ की बॉक्स ऑफिस पर बोहनी उन चंद फिल्मों की तरह ही हुई जिन्हें रिलीज के पहले हफ्ते में ही फ्लॉप घोषित कर दिया गया था। अब भले हिंदी फिल्में एक साथ चार हजार स्क्रीन्स तक पर रिलीज होती हैं। चंद्रा के मुताबिक डॉन सिर्फ 120 सिनेमाघरों में पूरे देश में रिलीज हुई थी। इसके कुछ ही दिन पहले अमिताभ बच्चन, शशि कपूर, संजीव कुमार, हेमा मालिनी, राखी, पूनम ढिल्लों और सचिन की फिल्म ‘त्रिशूल’ रिलीज हो चुकी थी। अखबार और पत्रिकाएं उन दिनों सत्यजीत रे की फिल्म ‘शतरंज के खिलाड़ी’, राज कपूर की फिल्म ‘सत्यम शिवम सुंदरम’ और प्रकाश मेहरा की फिल्म ‘मुकद्दर का सिकंदर’ के किस्सों से भरी रहती थीं।

 




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