खबरों के खिलाड़ी।
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‘खबरों के खिलाड़ी’ की नई कड़ी में एक बार फिर आपका स्वागत है। इस हफ्ते की बड़ी राजनीतिक खबरों के दिलचस्प विश्लेषण के साथ एक बार फिर हम आपके सामने प्रस्तुत हैं। यह सधी हुई चुनावी चर्चा अमर उजाला के यूट्यूब चैनल पर लाइव हो गई है।
मध्य प्रदेश में इस साल विधानसभा चुनाव होने हैं। इसके चलते राज्य में चुनावी सरगर्मी तेज है और लगातार कुछ ना कुछ ऐसा हो रहा है, जो चर्चा का केंद्र बन रहा है। कांग्रेस राज्य में सॉफ्ट हिंदुत्व की डगर पर दिखाई दे रही है। प्रियंका गांधी, कमलनाथ के साथ नर्मदा पूजन करती दिखाई दीं। वहीं, भाजपा सरकार लोकलुभावन वादे कर रही है और लाडली बहन योजना के तहत तीन हजार रुपए तक देने का एलान कर दिया है। मध्य प्रदेश के ऐसे ही अहम मुद्दों पर चर्चा के लिए इस बार हमारे साथ पंकज शर्मा, सुमित अवस्थी, पूर्णिमा त्रिपाठी, शिवम त्यागी जैसे वरिष्ठ विश्लेषक मौजूद रहे। पढ़िए इनकी चर्चा के अहम अंश…
सुमित अवस्थी
‘हाल ही में प्रियंका गांधी मध्य प्रदेश में नर्मदा पूजन करती नजर आईं। कर्नाटक में जहां कांग्रेस धर्मनिरपेक्षता की बात कर रही थी, वही कांग्रेस अब मध्य प्रदेश में सॉफ्ट हिंदुत्व के पाले में दिख रही है। कर्नाटक में जहां कांग्रेस ने बजरंग दल को बैन करने का वादा किया था, वही कांग्रेस एमपी में बजरंग बली के साथ दिखाई दे रही है। भाजपा सबका साथ, सबका विकास की बात करती है, लेकिन उसका फोकस 80 प्रतिशत आबादी पर ज्यादा लगता है। मध्य प्रदेश के सतपुड़ा भवन में लगी आग भी चर्चा का विषय बनी हुई है और सवाल उठ रहे हैं कि आग लगी है या फिर लगाई गई है?’
पंकज शर्मा
‘प्रियंका गांधी के नर्मदा पूजन में क्या परेशानी है? धर्मनिरपेक्ष होने का मतलब ये तो नहीं है कि ‘हिंदूपन’ छोड़ देंगे। कांग्रेस ने हमेशा ‘हिंदूपन’ में विश्वास रखा है, लेकिन कट्टर हिंदुत्व से दूरी रखी है। बजरंग बली की बात है तो ये बात किसी से छिपी नहीं है कि कमलनाथ ने छिंदवाड़ा में बजरंग बली की बड़ी प्रतिमा बनवाई है और वे बजरंग बली के भक्त हैं। कांग्रेस ने ऐसे काम नहीं किए कि मंदिरों में लगी प्रतिमाएं ढह जाएं। मंदिर आस्था के केंद्र होते हैं, ना कि व्यवसाय के। भाजपा सरकार में मंदिरों के विकास के साथ व्यवसायीकरण को बढ़ावा दिया जा रहा है, मंदिरों को पर्यटन स्थलों में तब्दील किया जा रहा है।
पूर्णिमा त्रिपाठी
‘सोनिया गांधी ने बहुत साल पहले संगम में डुबकी लगाई थी और जब वह चुनाव प्रचार के लिए रायबरेली जाती थीं तो एक हवन होता था, जिसमें वह शामिल होती थीं और कलावा बांधकर चुनाव प्रचार शुरू करती थीं। कांग्रेस ने कभी हिंदुत्व से दूरी नहीं बनाई, लेकिन उसे राजनीति का अखाड़ा भी नहीं बनाया।’
शिवम त्यागी
‘मध्य प्रदेश में तो कांग्रेस के लोग बजरंगबली बनकर घूमेंगे क्योंकि वहां मुसलमान मतदाता ज्यादा प्रभावी नहीं हैं, इसलिए मध्य प्रदेश में कांग्रेस हिंदुत्व की डगर पर चलती दिख रही है। ‘हिंदूपन’ तो कांग्रेस के डीएनए में ही नहीं है। राम मंदिर का जिस तरह से कांग्रेस और उसके नेताओं ने सुप्रीम कोर्ट में विरोध किया तो उनमें हिंदुत्व होने की बात ही बेमानी है। कांग्रेस ने मंदिरों का निर्माण कराया ही नहीं तो प्रतिमाएं गिरेंगी ही कहां? राज्य दर राज्य कांग्रेस की चुनावी रणनीति बदलती रहती है। कर्नाटक में मुस्लिम मतदाताओं को लुभाने के लिए बजरंग दल पर बैन की बात की तो मध्य प्रदेश में सॉफ्ट हिंदुत्व की रणनीति अपना रहे हैं।’