Pradip Hazarika
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असम में विधानसभा और संसदीय क्षेत्रों का परिसीमन मसौदा प्रकाशित होने के बाद विरोध शुरू हो गया है। परिसीमन मसौदा के विरोध में शनिवार को सत्तारूढ़ भाजपा की सहयोगी पार्टी असम गण परिषद (एजीपी) के वरिष्ठ नेता और आमगुरी के विधायक प्रदीप हजारिका ने पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया। वर्षों तक शिवसागर जिले के आमगुरी विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने वाले हजारिका ने मसौदा प्रकाशित होने के एक दिन बाद एजीपी अध्यक्ष अतुल बोरा को इस्तीफा सौंपा। स्थानीय लोगों ने भी अमगुरी निर्वाचन क्षेत्र को खत्म करने का विरोध किया।
उन्होंने मसौदे पर असंतोष जताया है क्योंकि परिसीमन के बाद आमगुरी निर्वाचन क्षेत्र को भंग कर दिया गया है। हजारिका ने कहा कि उन्हें इस बात से गहरी निराशा हुई है कि एजीपी निर्वाचन क्षेत्र को कमजोर होने से बचाने में सक्षम नहीं है। हजारिका 1985 में असम गण परिषद के गठन के बाद से ही उसके एक महत्वपूर्ण नेता रहे हैं।
रायजोर दल ने किया विरोध प्रदर्शन
वहीं, विपक्षी पार्टी रायजोर दल (Raijor Dal) ने शिवसागर जिले में परिसीमन मसौदे के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। ऑल तिवा स्टूडेंट्स एसोसिएशन ने भी आदिवासियों के लिए मोरीगांव सीट आरक्षित करने की मांग पूरी नहीं होने पर प्रदर्शन किया।
चुनाव आयोग (ईसी) ने शुक्रवार को असम परिसीमन की अंतिम रिपोर्ट प्रकाशित की। आयोग ने राज्य में विधानसभा क्षेत्रों की संख्या 126 और लोकसभा सीटों की संख्या 14 बरकरार रखी है। हालांकि, एक संसदीय और 19 विधानसभा क्षेत्रों के नाम को संशोधित किया गया। चुनाव आयोग के एक बयान के अनुसार, 19 विधानसभा और दो लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र अनुसूचित जनजाति (एसटी) के लिए आरक्षित किए गए हैं, जबकि नौ विधानसभा और एक लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र अनुसूचित जाति (एससी) के लिए आरक्षित किए गए हैं।
आयोग ने हमारे कुछ सुझाव स्वीकार किए : हिमंत
केंद्रीय चुनाव आयोग द्वारा अंतिम परिसीमन आदेश के प्रकाशन के बाद असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने कहा कि चुनाव आयोग ने राज्य के विधानसभा और संसदीय क्षेत्रों के परिसीमन से संबंधित हमारे कुछ प्रस्तावों को स्वीकार कर लिया है, लेकिन कुछ को खारिज भी किया है।। उन्होंने कहा, मैं आदेश का अध्ययन कर एक-दो दिन में विस्तृत टिप्पणी दूंगा। इस बीच, असम के मंत्री जयंत मल्ला बरुआ ने कहा, इस परिसीमन के परिणामस्वरूप, असमिया स्वदेशी लोगों का भविष्य सुरक्षित हो जाएगा। वे अस्तित्व के संकट से बच जाएंगे। दूसरी ओर, कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक रकीबुल हुसैन ने कहा कि समग्र निर्वाचन क्षेत्रवार तस्वीर देखने के बाद, विपक्षी दल एक औपचारिक बयान जारी करेगा। उन्होंने कहा, हालांकि सैद्धांतिक तौर पर कांग्रेस को परिसीमन पर कोई आपत्ति नहीं है।