मुरादाबाद/मूंढापांडे। रामगंगा का जल स्तर पिछले कई दिनों से बढ़ा चल रहा है। शनिवार रामगंगा का जल स्तर और बढ़ गया। इससे चलते नदी खतरा निशान से सिर्फ 16 सेमी नीचे तक पहुंच गईं। इससे मूंढ़पांडे समेत कई क्षेत्रों के गांवों के संपर्क मार्गों पर बाढ़ का पानी बहने लगा। इससे लोगों का आवागमन प्रभावित रहा। हजारों एकड़ फसल बाढ़ के पानी में डूब गई। प्रशासन ने इस संबंध में नदी किराने के गांवों में अलर्ट जारी कर दिया है।खो नदी से छोड़े गए अतिरिक्त पानी के कारण शनिवार को रामगंगा का जल स्तर बढ़ कर 190.44 सेंटीमीटर तक पहुंच गया। जो खतरा निशान 190.60 से सिर्फ 16 सेमी. नीचे रह गया है।
मूंढापांडे क्षेत्र में रामगंगा नदी का जल स्तर बढ़ने के कारण एक दर्जन गांवों का पीतल नगरी मार्ग से संपर्क टूट गया है। गतौरा, मिलक, विकनपुर, सिकंदर पट्टी, सुल्तानपुर पट्टी, जटनी, गोविंदपुर कलां, जैतबाडा, दौलतपुर, अजमतपुर, मौहम्मदपुर, लालाटीकर, रौंडा आदि गांव बाढ़ के पानी से घिर गए हैं। मार्गों पर बाढ़ का पानी तीन से चार फिट तक बहने के कारण इन गांवों का पीतल नगरी मुरादाबाद मार्ग से संपर्क टूट गया है। इन गांवों के किसानों की धान तथा हरे चारे की फसल खेत में बाढ़ का पानी भर जाने के करण डूब कर नष्ट हो गई हैं। संपर्क मार्गों पर पानी भरा होने के कारण जिला मुख्यालय तथा कोर्ट आदि स्थानों पर जाने वाले लोगों को मूंढापांडे वाया मुरादाबाद 30 किलोमीटर चक्कर काट कर जाना पड़ रहा है। जबकि पीतल नगरी मार्ग से 15 किलोमीटर दूर पड़ता है।
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सहयोग से बनाए लकड़ी पुल से जान जोखिम में डाल निकल रहे
(फोटो)
मूंढापांडे। रामगंगा नदी में एक सप्ताह पहले बढ़े जलस्तर के कारण गोविंदपुरकलां के पास सड़क टूट गई थी। वहां ग्रामीणों ने आपसी सहयोग से करीब 60 मीटर लकड़ी तथा लोहे के गाटर से पुल बना लिया है। यहां रोडा, झोंडा, चकफेरी, दौलतपुर अजमतपुर, जटनी, गतौरा के लोगों को मुरादाबाद जाने के लिए अपनी जान जोखिम में डालकर पुल पार कर आना-जाना पड़ रहा है। पूर्व प्रधान कलावती, रनवीर, मुकेश, मोहित ने बताया कि गांव के पास बाढ़ आने पर पानी के दबाव के कारण सड़क टूट जाती है। गांव के लोग आपसी सहयोग से तीन साल से लकड़ी का पुल बनाते हैं। क्योंकि पानी के दबाव के कारण सड़क नीची होने के कारण कट जाती है। यहां करीब छह फीट पानी बह रहा है। ग्रामीणों ने शीघ्र लकड़ी के पुल से निजात दिलाने की मांग की है।
वर्जन
रामगंगा का जलस्तर दोपहर तक खतरा निशान से नीचे रहा, लेकिन रात में पानी कम होने लगा है। रात दस बजे जल स्तर चार धीरे-धीरे घटना शुरू हो गया था। इससे खतरे की आशंका फिलहाल कम हुई है। एहतियात के तौर पर प्रशासन की ओर से बाढ़ चौकियों पर तैनात कर्मचारियों को अलर्ट जारी कर दिया गया है। अभी तक बाढ़ से किसी पशु व जन की हानि की कोई सूचना नहीं है।
सुभाष चंद्र, सहायक अभियंता बाढ़ खंड