Moradabad News: रामगंगा का जलस्तर घटा, दिक्कतें बरकरार

Moradabad News: रामगंगा का जलस्तर घटा, दिक्कतें बरकरार


मुरादाबाद। पिछले कई दिनों से रामगंगा का बढ़ा चल रहा जलस्तर रविवार को कम होने लगा। पिछले 24 घंटे में 42 सेंटीमीटर जलस्तर घटा है। जिसके बाद से नदी तो खतरे के निशान से 58 सेमी दूर हो गई है, लेकिन लोगों की दिक्कतें कम नहीं हुई हैं। दर्जनों गांव अभी भी बाढ़ के पानी से घिरे हैं। नदी किनारे आसपास के गांवों में अलर्ट जारी है।

क्षेत्र के कई मार्गों पर व आसपास के किसानों की फसलों में बाढ़ का पानी भरा रहने से उनकी दिक्कतें बरकरार हैं।

शनिवार को रामगंगा नदी खतरे के निशान से मात्र 16 सेंटीमीटर दूर रह गई थी। रामगंगा के उफनाने से जिले के कई स्थानों के मार्गों पर पानी आने के कारण आवागमन प्रभावित रहा था। लोग जान जोखिम में डाल कर आवागमन कर रहे थे। रविवार सुबह नदी का जलस्तर घटने का सिलसिला शुरू हो गया। सुबह आठ बजे रामगंगा का जलस्तर 190.31 था। जो शाम को घट कर 190.02 सेंटीमीटर रह गया। लेकिन इसके बाद भी बाढ़ के पानी से घिरे एक दर्जन से अधिक गांवों के लोगों की दिक्कतें कम होने का नाम नहीं ले रहीं हैँ। सड़कों पर बह रहे पानी का स्तर थोड़ा कम जरूर हुआ है, लेकिन सड़क से पूरी तरह उतर नहीं सका है। नदी किनारे स्थित करीब 41 गांवों के सैकड़ों लोगों की फसलों में अभी भी पानी भरा हुआ है। जिससे उनकी धान समेत अन्य फसलों पानी में डूबे रहने से बर्बाद हो रही हैं। किसानों का कहना है कि सूचना के बावजूद किसी भी प्रशासनिक अधिकारी पर प्रभावित गांवों का दौरा नहीं कर सका है। इससे लोगों में रोष है।

एक दर्जन गांवों का जिला मुख्यालय से अभी भी संपर्क कटा

उफनाई रामगंगा का पानी सड़कों पर आने के कारण अभी भी एक दर्जन से अधिक गांव के लोगों का संपर्क जिला मुख्यालय से कटा हुआ। इससे लोगों को आवागमन में अभी भी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है।

ग्राम लोदीपुर बासु, मोहम्मदपुर, सुल्तानपुर, दौलतपुर अजमतपुर, गोविंदपुर कला, झौंडा, लालाटीकर, सिकंदरपुर पट्टी सहित दर्जन भर गांवों के लोगों के खेतों में बाढ़ का पानी पिछले चार दिन से भरा हुआ है। इससे जहां उनकी धान समेत अन्य फसलें डूब कर नष्ट हो रहीं हैं वहीं सड़कों पर पानी बहने के कारण इन गांवों के लोगों के लिए रौंडा- पीतल नगरी मार्ग बंद हो गया है। जिससे ब्लाक तथा जिला मुख्यालय का संपर्क कट गया है। इसके कारण लोगों को आवागमन में काफी परेशानी हो रही है। प्रशासन द्वारा यहां कोई व्यवस्था न किए जाने से लोगों में रोष है।

पशुओं के लिए चारे का संकट

जलमग्न हुई धान, हरे चारे की फसल नष्ट हो रही है। इन गांवों के चारों ओर खेतों में बाढ़ का पानी भरा होने से ग्रामीणों के समक्ष पशुओं के लिए चारे का भी संकट पैदा हो गया है। उन्हें दूर-दराज ऊंचे स्थानों से पशुओं के लिए चारा लाना पड़ रहा है। क्षेत्र के मार्गों पर बाढ़ का पानी सड़क पर बहने के कारण रविवार सरकारी स्कूलों में आयोजित मेरी माटी, मेरा देश कार्यक्रम में बाहर से आने वाले शिक्षक तथा बच्चे भी नही पहुंच सके।

कुंदरकी के खादर इलाके की आबादी में घुसा बाढ़ का पानी

उफनाई रामगंगा का पानी सुल्तानपुर, नगला जटनी, अब्दुल्लापुर आदि गांवों की आबादी में घुस गया है। कई ग्रामीणों के घरों व स्कूल में भी बाढ़ का पानी भरा हुआ है। इसके चलते ग्रामीणों में दहशत बढ़ने लगी है। साथ ही संपर्क मार्गों पर पानी का तेज बहाव होेने के कारण लोगों का आवागमन प्रभावित है।

ट्रैक्टर-ट्रॉली और बैलगाड़ी में बैठकर ग्रामीण सड़क पर तेज धार में बह रहे पानी को जान जोखिम में डाल पार कर आवागमन कर रहे हैं। सड़क पर एक से चार फिट तक तेज धार के साथ पानी बहने के कारण सड़क पर कई स्थानों पर गहरे गड्ढे हो गए हैं। रोजमर्रा के सामान के लिए ग्रामीणों को कड़ी मशक्कत करनी पड़ रही है। वहीं फसलों के डूबने से किसान परेशान है। किसान विजय ठाकुर, अवधेश यादव, महताब आलम, शाकिर पाशा आदि ने बताया कि बाढ़ की वजह से खेतों में गन्ना, धान और बाजरा आदि की फसलें चौपट हो गईं हैं। जिसकी वजह से भारी नुकसान हो रहा है।



Source link

Facebook
Twitter
LinkedIn
Pinterest
Pocket
WhatsApp

Related News

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *