इंजीनियरिंग कॉलेज, फाइल फोटो
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डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय (एकेटीयू) में देर से शुरू हुई प्रवेश प्रक्रिया का असर दिखने लगा है। विवि के सेंटर फॉर एडवांस स्टडीज (कैस) में पहले चरण की काउंसिलिंग में ग्रेजुएट एप्टीट्यूट टेस्ट फॉर इंजीनियरिंग (गेट) से मात्र तीन विद्यार्थियों ने प्रवेश लिया है। जबकि संस्थान में पांच अत्याधुनिक ब्रांचों में प्रवेश लिया जाता है।
कैस में एमटेक इन कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग, मेकाट्रॉनिक्स, नैनो टेक्नोलॉजी, मैन्युफैक्चरिंग टेक्नोलॉजी एंड ऑटोमेशन व एनर्जी साइंस एंड टेक्नोलॉजी जैसे अत्याधुनिक कोर्स की पढ़ाई होती है। इनमें 18-18 सीटों पर प्रवेश लिया जाता है। इस सत्र में अभी प्रवेश लेने वाले अभ्यर्थियों का टोटा है। संस्थान की पहले चरण की काउंसिलिंग में गेट क्वालिफाई अभ्यर्थियों को प्रवेश का मौका दिया गया।
इसमें कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग में मात्र तीन अभ्यर्थियों ने प्रवेश लिया है। अब संस्थान 17 अगस्त को सीयूईटी की मेरिट के भी विद्यार्थियों को भी प्रवेश देगा। अगर इस चरण में भी गेट क्वालिफाई कोई छात्र आता है तो उसे प्रवेश में वरीयता दी जाएगी। इसके बाद भी सीटें खाली रहती हैं तो वह अपने स्तर पर परीक्षा का आयोजन कर प्रवेश लेगा। विवि के अधिकारियों के अनुसार प्रवेश में देरी के कारण ऐसा हुआ है। जबकि आईआईटी, एनआईटी आदि प्रमुख तकनीकी संस्थानों में प्रवेश पूरे हो चुके हैं।
आईईटी में 123 सीटों पर सिर्फ 10 प्रवेश
प्रवेश की दिक्कत सिर्फ कैस ही नहीं बल्कि दूसरा प्रमुख घटक संस्थान इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी (आईईटी) भी उठा रहा है। आईईटी में आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस, स्ट्रक्चरल इंजीनियिंरग, इनवायरमेंटल इंजीनियरिंग, मैकेनिकल इंजीनियिरंग, पावर एंड एनर्जी, इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग व बायोटेक में कुल 123 सीटों पर प्रवेश होता है। यहां पहले चरण में गेट से मात्र 10 विद्यार्थियों ने प्रवेश लिया है। संस्थान अब विवि से सीयूईटी की मेरिट का इंतजार कर रहा है। वहां से मेरिट मिलने के बाद अब वह दूसरे चरण की प्रवेश प्रक्रिया का आयोजन करेगा। आईईटी निदेशक प्रो. विनीत कंसल ने बताया कि दाखिले के लिए लगभग 200 छात्रों ने रजिस्ट्रेशन कराया है।