Shimla Landslide
– फोटो : अमर उजाला
विस्तार
राजधानी के समरहिल में हुई आपदा ने सरकार और प्रशासन के दावों की भी पोल खोल दी। सुबह 7:15 बजे हुई इस घटना की सूचना पार्षद, पुलिस और प्रशासन को दे दी गई थी। लेकिन राहत कार्य शुरू करने में घंटों लग गए।
मलबे में गायब हुए अपनों को ढूंढने के लिए लोग खुद हाथों से मलबे को हटाने में जुट गए। लोगों के अनुसार, सबसे पहले सुबह 8 बजे साथ लगी आर्मी कॉलोनी से सेना के जवान मौके पर पहुंचे। इन्होंने मौके पर मौजूद लोगों के साथ मलबा हटाने का काम शुरू किया।
करीब 8:15 बजे पुलिस और स्थानीय पार्षद वीरेंद्र ठाकुर भी मौके पर पहुंचे। मलबा हटाने के लिए मशीनों की दरकार थी लेकिन मंदिर की सड़क ढह चुकी थी। करीब 8:30 बजे नाले में उतरे जवानों ने दो बच्चों के शव बरामद किए। 9 बजे तीसरा शव बरामद हुआ। अपनों के शव देखकर मौके पर चीख पुकार मच गई। मौके पर पेड़ काटने के लिए स्थानीय लोगों से कटर मंगवाया गया।
करीब दो घंटे बाद 9:30 बजे एसडीआरएफ के जवान मौके पर पहुंचे। राहत कार्यों में तेजी लाते हुए मंदिर के ऊपर से मलबा हटाने का काम शुरू किया गया। मौके पर एक जेसीबी खड़ी थी लेकिन इसमें तेल नहीं था। दोपहर करीब 1:00 बजे प्रशासन की ओर से पहली जेसीबी मौके पर पहुंची।