भारत मे क्रिकेट एक धर्म की तरह है। अगर किसी खेल को इस देश में सबसे ज्यादा पसंद किया जाता है तो वह यही है। खिलाड़ियों के करोड़ों फैंस तो हैं ही, साथ ही खेल के बारे में बताने वाले एक्सपर्ट और मैच में लाइव कमेंट्री करने वाले कमेंटेटर्स के भी प्रशंसक बड़ी संख्या में हैं। उन्हीं कमेंटेटर में एक सुशील दोशी हैं। जब भारत में हर घर में टीवी नहीं था तो लोग रेडियो पर ही क्रिकेट मैच सुना करते थे। उस दौर में सुशील दोशी देश में क्रिकेट की आवाज कहे जाते थे, क्योंकि उनकी आवाज के जरिए ही हर क्रिकेट फैन को मैच की लाइव कमेंट्री सुनने को मिलती थी। क्रिकेट जगत या इससे जुड़ी चीजों में अपना करियर बनाने वाले अधिकतर लोगों ने बहुत कुछ हासिल किया है, लेकिन चुनिंदा लोग ही ऐसे रहे हैं, जिनकी वजह से क्रिकेट को बहुत कुछ हासिल हुआ। सुशील दोशी इनमें से एक हैं। उन्होंने भारत की अपनी भाषा हिंदी में कमेंट्री कर इस खेल को गांव-गांव के लोगों के बीच पहुंचाया और क्रिकेट लोकप्रियता बढ़ाने में अहम योगदान दिया। अब टीवी और स्मार्टफोन के दौर में रेडियो में कमेंट्री शायद ही कोई सुनता हो, लेकिन क्रिकेट के पुराने फैंस आज भी सुशील दोशी की आवाज में कमेंट्री सुनना पसंद करते हैं। हिंदी कमेंट्री के दिग्गज सुशील दोशी के साथ अमर उजाला ने बातचीत की। पढ़िए इस बातचीत के कुछ खास हिस्से…
Sushil Doshi Interview: 13 साल की उम्र में बिना टिकट पहला मैच देखा; जानें सुशील कैसे बने क्रिकेट की आवाज
सुशील दोशी
– फोटो : अमर उजाला
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भारत मे क्रिकेट एक धर्म की तरह है। अगर किसी खेल को इस देश में सबसे ज्यादा पसंद किया जाता है तो वह यही है। खिलाड़ियों के करोड़ों फैंस तो हैं ही, साथ ही खेल के बारे में बताने वाले एक्सपर्ट और मैच में लाइव कमेंट्री करने वाले कमेंटेटर्स के भी प्रशंसक बड़ी संख्या में हैं। उन्हीं कमेंटेटर में एक सुशील दोशी हैं। जब भारत में हर घर में टीवी नहीं था तो लोग रेडियो पर ही क्रिकेट मैच सुना करते थे। उस दौर में सुशील दोशी देश में क्रिकेट की आवाज कहे जाते थे, क्योंकि उनकी आवाज के जरिए ही हर क्रिकेट फैन को मैच की लाइव कमेंट्री सुनने को मिलती थी। क्रिकेट जगत या इससे जुड़ी चीजों में अपना करियर बनाने वाले अधिकतर लोगों ने बहुत कुछ हासिल किया है, लेकिन चुनिंदा लोग ही ऐसे रहे हैं, जिनकी वजह से क्रिकेट को बहुत कुछ हासिल हुआ। सुशील दोशी इनमें से एक हैं। उन्होंने भारत की अपनी भाषा हिंदी में कमेंट्री कर इस खेल को गांव-गांव के लोगों के बीच पहुंचाया और क्रिकेट लोकप्रियता बढ़ाने में अहम योगदान दिया। अब टीवी और स्मार्टफोन के दौर में रेडियो में कमेंट्री शायद ही कोई सुनता हो, लेकिन क्रिकेट के पुराने फैंस आज भी सुशील दोशी की आवाज में कमेंट्री सुनना पसंद करते हैं। हिंदी कमेंट्री के दिग्गज सुशील दोशी के साथ अमर उजाला ने बातचीत की। पढ़िए इस बातचीत के कुछ खास हिस्से…
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