Chandrababu Naidu
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तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) के राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) में शामिल होने की खबर एक बार फिर चर्चा आ गई है। राजनीति गलियारों में जोरो-शोरों से चर्चा बनी हुई कि टीडीपी जल्द ही एनडीए में शामिल हो सकता है। हालांकि अटकलों के बीच, आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और पार्टी अध्यक्ष चंद्रबाबू नायडू ने सही समय आने पर बात करने को कहा है।
विजन-2047 दस्तावेज जारी करने के बाद बोले नायडू
राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन में शामिल होने की उनकी योजना के बारे में पूछे जाने पर नायडू ने कहा कि अभी एनडीए सरकार में शामिल होने के बारे में बात करने का समय नहीं है। मैं सही समय पर इस बारे में बात करूंगा। दरअसल, पोर्ट सिटी में आयोजित एक कार्यक्रम में विजन-2047 दस्तावेज जारी करने के बाद नायडू मंगलवार शाम पत्रकारों से बात कर रहे थे। गौरतलब है, राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के संस्थापकों में से एक चंद्रबाबू नायडू के नेतृत्व वाली तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) ने आंध्र प्रदेश को विशेष दर्जा देने से केंद्र के इनकार के विरोध में पार्टी छोड़ दी थी।
मेरी भूमिका बिल्कुल स्पष्ट
नायडू ने कहा कि अगले साल राजनीति के लिए मेरी भूमिका बिल्कुल स्पष्ट है। उन्होंने कहा कि मेरी प्राथमिकता आंध्र प्रदेश है। यह मेरा बड़ा एजेंडा है। मैं राज्य के पुनर्निर्माण के लिए तैयारी करूंगा।
जगन मोहन रेड्डी पर वार
अमरावती राजधानी मुद्दे पर प्रतिक्रिया देते हुए टीडीपी प्रमुख ने कहा कि आप (सीएम जगन मोहन रेड्डी) विधानसभा में बैठे हैं। आप सचिवालय में बैठे हैं। आप कैबिनेट बैठक कहां कर रहे हैं? क्या यह अस्थायी है? उन्होंने कहा कि जगन मोहन रेड्डी क्या बकवास कर रहे हैं। पिछले दस वर्षों से वे काम कर रहे हैं। सब कुछ तैयार हो गया।
विश्व स्तरीय राजधानी की योजना बनाई
उन्होंने कहा कि हमने आंध्र प्रदेश के लिए विश्व स्तरीय राजधानी की योजना बनाई। मैंने नौ वर्षों के लिए व्यवस्थित रूप से हैदराबाद के लिए सबसे अच्छे पारिस्थितिकी तंत्र में से एक की योजना बनाई। गौरतलब है, आंध्र प्रदेश राज्य को जून 2014 में आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में विभाजित किया गया था। एपी पुनर्गठन अधिनियम के अनुसार, हैदराबाद तेलंगाना की राजधानी बन गया और आंध्र प्रदेश को दस वर्षों के भीतर अपने लिए एक नई राजधानी ढूंढनी थी। तब तक हैदराबाद दोनों राज्यों की राजधानी रहनी है।
इस साल जनवरी में, जगन मोहन ने घोषणा की थी कि विशाखापत्तनम राजधानी बनने जा रहा है, लेकिन किसी भी राज्य विधानसभा चर्चा या किसी आधिकारिक दस्तावेज में इसका कोई उल्लेख नहीं है। बाद में, वाईएस जगन मोहन रेड्डी के नेतृत्व वाली सरकार ने राज्य के सभी हिस्सों में विकास सुनिश्चित करने के लिए राज्य के विभिन्न शहरों में तीन राजधानियां बनाने का निर्णय लिया था।