भारतीय टीम के स्पिन गेंदबाज
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चार साल पहले ऐतिहासिक ऑस्ट्रेलिया दौरा खत्म होने के बाद तत्कालीन कोच रवि शास्त्री ने कहा था कि कुलदीप यादव हमारे विदेश में नंबर एक स्पिनर होंगे। उसके बाद कुछ ऐसा हुआ कि कानपुर का यह स्पिनर टीम प्रबंधन की योजनाओं का ही हिस्सा नहीं रह गया, लेकिन हार नहीं मानने के जज्बे और जबरदस्त धैर्य ने कुलदीप को पांच अक्तूबर से होने वाले वनडे विश्व कप के लिए टीम इंडिया के स्पिनरों की दौड़ में सबसे आगे निकाल दिया है। घुटने की सर्जरी के बाद कुलदीप ने जबरदस्त वापसी करते हुए बीते एक साल में 18 वनडे मैचों में 32 विकेट लिए हैं। उनका यह प्रदर्शन विश्वकप की टीम में शामिल होने के दावेदार अन्य स्पिनरों रवींद्र जडेजा, अक्षर पटेल, युजवेंद्र चहल से बेहतर है।
वेस्टइंडीज दौरे पर कुलदीप यादव ने अपने प्रदर्शन से दिखाया कि वह विश्व कप की टीम में शामिल होने के न सिर्फ मजबूत दावेदार हैं बल्कि वह टीम के मुख्य स्पिनर की भूमिका भी निभा सकते हैं। वेस्टइंडीज दौरे पर उन्होंने सिर्फ वनडे में ही नहीं बल्कि टी-20 में भी शानदार प्रदर्शन किया। उन्होंने चार टी-20 मैचों में 92 रन देकर छह विकेट लिए, जबकि तीन वनडे में उन्होंने 61 रन देकर सात विकेट लिए। इस दौरे पर न सिर्फ उन्होंने विकेट लिए बल्कि उन पर रन बनाना भी आसान नहीं रहा।