नरेंद्र मोदी, पवन खेड़ा
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प्रधानमंत्री व उनके पिता के नाम को लेकर कथित अपमानजनक टिप्पणी करने के मामले में आरोपी कांग्रेस के प्रवक्ता पवन खेड़ा को राहत नहीं मिली। इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने खेड़ा के खिलाफ दाखिल आरोपपत्र व जारी तलबी आदेश निरत करने के आग्रह वाली याचिका खारिज कर दी। यह आदेश न्यायमूर्ति राजीव सिंह ने पवन खेड़ा की याचिका पर दिया।
गौरतलब है कि इस मामले में खेड़ा के खिलाफ हजरतगंज थाने में दर्ज प्राथमिकी दर्ज हुई थी। याची की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता मोहम्मद सलमान खुर्शीद का कहना था कि खेड़ा प्रधानमंत्री समेत सांविधानिक प्राधिकारियों के लिए पूरा सम्मान का भाव रखते हैं। मुंबई में बीती 17 फरवरी को प्रेस कॉन्फ्रेंस में बोले गए उनके शब्दों में महज खेड़ा की जीभ फिसल गई थी। जबकि प्रधानमंत्री या उनके परिजनों को अपमानित करने की खेड़ा की कोई मंशा नहीं थी। उधर, राज्य सरकार की तरफ से सरकारी वकील शिवनाथ तिलहरी ने याचिका का विरोध किया।
हाईकोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के 20 मार्च के फाइनल आदेश को देखकर कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने पहले ही याची को अधिकारिता वाले न्यायालय (सीजेएम, लखनऊ) के समक्ष अपनी व्यथा रखने को कहा है। इसके तहत याची को निचली अदालत के समक्ष पेश होने की छूट दी जाती है। हाईकोर्ट ने इस टिप्पणी व आदेश के साथ याचिका को मेरिट विहीन बताते हुए खारिज कर दिया।