हिंदू विवाह अधिनियम 1955
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समान गोत्र और एक ही गांव में शादी पर रोक लगाने के मांग पर खाप पंचायतों व हरियाणा के सरकार के बीच टकराव फिर से बढ़ सकता है। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि हिंदू विवाह अधिनियम 1955 में संशोधन करना केंद्र का काम है। केंद्र सरकार ही इस पर कोई फैसला ले सकती है। राज्य सरकार के पास ऐसा कोई अधिकार नहीं है।
खाप पंचायतें लंबे समय से समान गोत्र व एक ही गांव में शादी पर प्रतिबंध लगाने की मांग कर रही हैं। खाप पंचायतों का एक समूह जिसका नेतृत्व भारत भूमि बचाओ संघर्ष समिति के अध्यक्ष रमेश दलाल कर रहे हैं, उन्होंने बताया कि उनकी सरकार के बीच कई स्तर की बातचीत हो चुकी है। उन्होंने बताया कि आंदोलन के दौरान हरियाणा सरकार की तरफ से बातचीत मुख्य प्रधान सचिव डीएस ढेसी ने की थी।
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उसके बाद उनकी बातचीत अतिरिक्त मुख्य सचिव राजेश खुल्लर व प्रधान सचिव वी. उमाशंकर से हुई। दलाल ने दावा किया कि मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया था कि कानून में संशोधन के प्रस्ताव को वह विधानसभा में लेकर आएंगे। विधानसभा में पास होने के बाद उसे राष्ट्रपति के पास भेजा जाएगा। दलाल ने कहा कि यदि सरकार अपने वादे से मुकरती है तो हम फिर से आंदोलन करेंगे। वहीं, इस बारे में सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि फिलहाल सरकार इस तरह के किसी भी प्रस्ताव पर फिलहाल विचार नहीं कर रही है।
दलाल ने कहा कि राज्य की दो हजार खाप पंचायतों की एक समान राय है कि हिंदू विवाह अधिनियम में संशोधन किए जाए, ताकि एक गौत्र व एक ही गांव में शादी में प्रतिबंध लग सके। उन्होंने कहा कि वह सात महीने से केएमपी मांडोठी टोल प्लाजा पर धरना दे रहे थे। हालांकि उस दौरान कई अन्य मांगे भी थीं। उन्होंने बताया कि पिछले हफ्ते भी हरियाणा सरकार के अधिकारियों के साथ बैठक हुई थी, जिसमें सूचना दी गई थी कि उनकी मांगें हरियाणा सरकार ने मान ली है। सर्वजातीय कंडेला खाप के प्रधान धर्मपाल कंडेला ने कहा-समान गोत्र व एक गांव में विवाह सामाजिक कलंक है। जब किसी का बच्चा एक गोत्र में शादी कर लेता है तो उनके माता-पिता को निरंतर अपमान व मानसिक यातना झेलनी पड़ती है। सामाजिक ताने-बाने को बनाए रखने और सुखी पारिवारिक जीवन के लिए सामाजिक मानदंडों के अनुरूप स्थितियों को समायोजित करने के लिए हिंदू विवाह अधिनियम में संशोधन लाना आवश्यक है।
वैज्ञानिक तरीके से जायज मांग
यह वैज्ञानिक तरीके से जायज मांग है। नजदीकि रिश्तेदारों या एक गौत्र में विवाह होने से जेनेटिक डिसऑर्डर हो सकते हैं। पहले तो सात गौत्र छोड़कर शादियां की जाती थीं। यह समाजशास्त्र के नियमों के खिलाफ भी है। – डा. विनोद कुमार चौधरी, विभागाध्यक्ष समाजशात्र पंजाब यूनिवर्सिटी
आपसी सामंजस्य बैठाएं सरकारें
20 माह पहले सांगवान खाप-40 ने इस मसले पर महापंचायत की थी, जिसमें विभिन्न प्रदेशों की खापों के पदाधिकारियों ने भाग लिया था। हिंदू विवाह अधिनियम में संशोधन बेहद जरूरी है। इसके लिए केंद्र और प्रदेश सरकार को आपसी सामंजस्य स्थापित करना चाहिए। सगोत्र और एक गांव में विवाह समाज के लिहाज से सही नहीं है। – नरसिंह सांगवान, सचिव, सांगवान खाप-40
लिव इन रिलेशनशिप पर भी लगे पाबंदी
सरकार को अविलंब हिंदू विवाह अधिनियम में संशोधन करना चाहिए। इतना ही नहीं लिव इन रिलेशनशिप पर भी पाबंदी होनी चाहिए। सगोत्र और समगांव में विवाह सही नहीं है। इससे सामाजिक ताना-बाना प्रभावित होता है। फौगाट और अन्य खापों ने दादरी प्रशासन के मार्फत इन मांगों को लेकर राष्ट्रपति तक को ज्ञापन सौंपा है। केंद्र और प्रदेश सरकार को खापों की इन मांगों की ओर ध्यान देना चाहिए। – बलवंत फौगाट, प्रधान, फौगाट खाप-19
गांव, गोहांड व स्वयं का गोत्र छोड़ कर हों शादियां
हरियाणा ही नहीं, पूरे भारत की खाप पंचायतें हिंदू विवाह कानून 1955 में संशोधन की लंबे समय से मांग कर रही हैं। इसमें थ्री-जी का फार्मूला अर्थात गांव, गोहांड और स्वयं का गोत्र छोड़कर शादियां होनी चाहिएं। कस्टमरी लॉ के अनुसार, हरियाणा सरकार भी यह कानून बना सकती है। इसके संदर्भ में सर्वखाप पंचायत मुख्यमंत्री को दो वर्ष पहले ज्ञापन सौंप चुकी है। सीएम ने हरियाणा के कानूनी सलाहकार महाजन को इसके बारे में गहन अध्ययन कर अपनी राय देने की बात कही थी। सरकार इसके लिए नहीं मानती है तो सर्वखाप पंचायत सख्त कदम उठाने के लिए भी बाध्य हो सकती हैं। केंद्र सरकार से भी इस बारे में सिफारिश की जाएगी। – कैप्टन जगवीर मलिक, प्रवक्ता सर्वखाप पंचायत
हिंदू मैरिट एक्ट में संशोधन जरूरी
समान गोत्र और एक ही गांव-गोहांड में विवाह करने पर रोक लगाने के लिए कानून बनाने की जरूरत है। उन्होंने पहले भी कई बार हिंदू मैरिज एक्ट में संशोधन की मांग उठाई थी। वह इस मामले में सर्वजातीय सर्वखाप की महापंचायत भी बुला चुके हैं। उनकी सरकार से एक बार बातचीत भी हो चुकी है। अभी उनकी केंद्र सरकार से भी इस मामले में बातचीत होनी है। यदि सरकार ने यह कानून नहीं बनाया तो वह जल्द ही कुरुक्षेत्र में महापंचायत करेंगे। – टेकराम कंडेला, राष्ट्रीय संयोजक एवं कंडेला खाप के पूर्व प्रधान
एक ही गोत्र व गांव में विवाह करने से भाईचारा बिगड़ रहा हैं
एक ही गोत्र में गांव गोहांड में विवाह करने पर रोक लगाने के लिए कानून बनाने की बेहद जरूरी है। दलाल खाप की ओर से प्रदेश सरकार से समान गोत्र और एक ही गांव गोहांड में विवाह करने पर रोक लगाने के लिए कानून बनाने की मांग का पूरी तरह से समर्थन करते हैं। – युद्धवीर धनखड़, प्रधान धनखड़ खाप 12
गांव-गोहांड में विवाह करने पर रोक लगाने के लिए बनाए जाएं कानून
प्रदेश सरकार भी इस कानून को बना सकती है, उत्तर भारत में यह कस्टमरी लॉ है, उसका अनुसरण किया जा सकता है। उसका राजनैतिक फायदा भी सरकार को मिल सकता है। इसकी वजह से उत्तर भारत में अकसर सम गौत्र, सम गांव और गोहांड में होने वाले रिश्तों के चलते कई बार बड़ा अपराध भी सामने आता है। इससे बचने के लिए सद्भावना व समरसता बनाए रखना जरूरी है। इसीलिए इस पर हिंदू मैरिज एक्ट में संसोधन जरूरी है।– सुरेंद्र दहिया, प्रधान दहिया खाप
एक ही गांव में होने वाली शादी पर रोक लगाना अनिवार्य है
समाज में भाईचारा बनाए रखने के लिए एक समान गोत्र और एक ही गांव में होने वाली शादी पर रोक लगाना अनिवार्य है। सरकार को इस पर रोक लगानी चाहिए अन्यथा भाईचारे पर इसका प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। केंद्र सरकार या प्रदेश सरकार को इस संबंध में फिर से विचार करना चाहिए और एक समान गोत्र एक ही गांव में शादी पर रोक लगानी चाहिए। साथ ही अलग से कानून बनना चाहिए। – मलिक राज मलिक, प्रधान मलिक खाप