Dmitry Utkin: प्रिगोझिन के साथ जिस कमांडर ने गंवाई जान, उन पर था वैगनर ग्रुप का नाम, जानें इनके बारे में सबकुछ

Dmitry Utkin: प्रिगोझिन के साथ जिस कमांडर ने गंवाई जान, उन पर था वैगनर ग्रुप का नाम, जानें इनके बारे में सबकुछ




येवगेनी प्रिगोझिन और दिमित्री उत्किन
– फोटो : सोशल मीडिया

विस्तार


बुधवार को मॉस्को के उत्तर में हुए एक विमान हादसे में वैगनर ग्रुप के चीफ येवगेनी प्रिगोझिन के मारे जाने की खबर है। ये खबर पूरी दुनिया में सुर्खियां बनी हुई हैं लेकिन इस विमान हादसे में एक और खास शख्स मारा गया है, जिसके बारे में मीडिया में ज्यादा चर्चा नहीं है। बता दें कि यह शख्स है रूस की सेना की खुफिया ईकाई का पूर्व अधिकारी दिमित्री उत्किन। वैगनर ग्रुप को भले ही वित्त पोषण येवगेनी प्रिगोझिन की तरफ से मिलता था लेकिन वैगनर ग्रुप के ऑपरेशन की जिम्मेदारी दिमित्री उत्किन के कंधों पर ही थी। उत्किन ही लंबे समय से वैगनर प्राइवेट मिलिट्री कंपनी का नेतृत्व कर रहे थे।  

उत्किन से ही मिला ‘वैगनर’ नाम

ऐसा माना जाता है कि वैगनर ग्रुप का नाम भी उत्किन के ‘मिलिट्री नाम’ (Military Call Sign) वैगनर से ही प्रेरित था। उत्किन के बारे में कहा जाता है कि वह हिटलर की नाजी विचारधारा के समर्थक थे और माना जाता है कि हिटलर के पसंदीदा संगीतकार रिचर्ड वैगनर के नाम से ही उन्होंने ‘वैगनर’ नाम रखा था। वैगनर ग्रुप के कुछ लड़ाके भी नाजी विचारधारा के समर्थक माने जाते हैं क्योंकि अफ्रीका और मिडिल ईस्ट में वैगनर ग्रुप के कई तस्वीरों में नोर्स चिन्ह दिखाई दिए हैं, जो कि श्वेत सर्वोच्चता के चिन्ह माने जाते हैं। 

रूस की स्पेशल फोर्स को किया कमांड

1970 में जन्मे दिमित्री उत्किन ने साल 2013 तक रूस की मिलिट्री इंटेलीजेंस एजेंसी G.R.U में अपनी सेवाएं दी। इसके बाद उत्किन ने रूस की स्पेशल फोर्स स्पेत्सनाज का नेतृत्व किया और लेफ्टिनेंट कर्नल के पद तक पहुंचे। साल 2020 में ‘सेंटर फॉर स्ट्रैटेजिक एंड इंटरनेशनल स्टडीज’ की रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई थी। उत्किन को कुछ रिपोर्ट्स में वैगनर ग्रुप का संस्थापक भी बताया गया है। हालांकि साल 2020 में खोजी वेबसाइट बेलिंगकैट ने अपनी एक रिपोर्ट में दावा किया था कि ‘उत्किन का वैगनर ग्रुप की स्थापना में हाथ नहीं है लेकिन वैगनर ग्रुप में उनकी अहम जगह है और वैगनर ग्रुप में फील्ड कमांडर से भी ज्यादा उनकी भूमिका है।’ बीते साल ही येवगेनी प्रिगोझिन ने स्वीकार किया था कि वही वैगनर ग्रुप के संस्थापक और मुखिया हैं।

पुतिन ने किया था सम्मानित

वैगनर ग्रुप सबसे पहले साल 2014 में चर्चा में आया था, जब इसके लड़ाकों ने यूक्रेन में रूस समर्थक अलगाववादियों के साथ मिलकर डोनबास क्षेत्र में लड़ाई लड़ी थी। उस वक्त वैगनर ग्रुप के कमांडर दिमित्री उत्किन ही थे। इसके अलावा वैगनर ग्रुप ने सीरिया, सूडान और मध्य अफ्रीका, माली, मोजाम्बिक में भी लड़ाइयां लड़ीं और वहां रूस के प्रभाव को बढ़ाने में अहम भूमिका निभाई। वैगनर ग्रुप में उत्किन का काफी सम्मान था और खास बात ये है कि उत्किन को बहुत कम देखा गया। साल 2016 में राष्ट्रपति पुतिन ने उत्किन को उनकी सेवाओं के लिए सैन्य सम्मान से भी सम्मानित किया था। वैगनर में लड़ाकों को शामिल कराने में उत्किन की भूमिका अहम होती थी। यही वजह है कि अमेरिका, ब्रिटेन समेत कई देशों ने उत्किन पर कड़े प्रतिबंध लगाए हुए थे।

पुतिन के खिलाफ बगावत में प्रिगोझिन का दिया था साथ

बीते जून में प्रिगोझिन के नेतृत्व में वैगनर ग्रुप ने राष्ट्रपति पुतिन के खिलाफ बगावत कर दी थी। उस वक्त उत्किन ने प्रिगोझिन का साथ दिया था। हालांकि जल्द ही प्रिगोझिन पीछे हट गए थे। जुलाई में बगावत के बाद प्रिगोझिन का एक वीडियो सामने आया था, जिसमें वह वैगनर के लड़ाकों को संबोधित करते दिख रहे हैं। प्रिगोझिन के बाद उत्किन ने भी वैगनर लड़ाकों को संबोधित किया था। 

 



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