तेंदुए का आतंक: चंबल के बीहड़ किनारे गांवों में दहशत, दुधारू पशुओं का कर रहा शिकार; घरों में कैद ग्रामीण

तेंदुए का आतंक: चंबल के बीहड़ किनारे गांवों में दहशत, दुधारू पशुओं का कर रहा शिकार; घरों में कैद ग्रामीण



तेंदुए का आतंक
– फोटो : अमर उजाला

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आगरा के पिनाहट क्षेत्र से सटी चंबल नदी के बीहड़ में खूंखार जंगली जानवर तेंदुए का आतंक देखने को मिल रहा है। ग्रामीणों में दहशत बनी हुई है। ग्रामीणों के मुताबिक सप्ताह भर में तेंदुआ दो दर्जन पशुओं पर हमला कर अपना शिकार बना चुका है। तेंदुए के आतंक से ग्रामीणों ने रात के समय खेतों पर जाना बंद कर दिया है। रात के समय जागकर गांव में ग्रामीण पहरा लगा रहे हैं। पलोखरा गांव में जानवरों पर हमले को लेकर वन विभाग की टीम ने तेंदुए को पकड़ने के लिए जाल बिछाया है। जिसके लिए दिनभर वनकर्मियों द्वारा बीहड़ में खोजबीन चलती रही। 

चंबल के बीहड़ किनारे बसे गांव पलोखरा में रात के समय तेंदुआ गांव में घुस आया और गांव के किसान कमरुद्दीन के पशुओं के बाड़े पर हमला बोल दिया। तीन बकरियां को अपना शिकार बना लिया। उनके शरीर को क्षत विक्षित कर दिया। पशुओं की आवाज सुनकर किसान और ग्रामीण जाग गए। टोर्च की रोशनी में खूंखार जानवर को देखकर ग्रामीणों में हड़कंप मच गया। एकत्रित ग्रामीणों ने लाठी-डंडे लेकर तेंदुए को खदेड़ दिया। दहशत में आए ग्रामीणों ने तत्काल सूचना पुलिस और वन विभाग को दी। 

सूचना पर चंबल सेंचुरी रेंजर बाह उदय प्रताप सिंह, वनकर्मियों एवं पुलिसकर्मियों के साथ रात में ही गांव पहुंचे।  मौके पर जानकारी लेकर ग्रामीणों से हाल-चाल जाना साथ ही टोर्च की रोशनी में खेतों और बीहड़ में कांबिंग की गई। तेंदुआ को पकड़ने के लिए वन विभाग द्वारा जाल मंगाया गया और उसे लगाया गया, मगर कोई सफलता रात के समय हाथ नहीं लगी। 

वहीं ग्रामीणों के अनुसार उनके गांव सहित आसपास के गांव में दो दर्जन से अधिक पशुओं पर तेंदुआ जानवर हमला कर चुके हैं। जिसके चलते उन्होंने रात के समय खेतों पर जाना भी बंद कर दिया है। साथ ही अपने पशुओं की रखवाली के लिए रात के समय जाकर पहरा दे रहे हैं।

पडुआपुरा आश्रम पर गाय पर तेंदुए का हमला,बचाया

 चंबल के बीहड़ किनारे बसे गांव में तेंदुए का हमला पशुओं पर जारी है, जिसके चलते ग्रामीणों में दहशत का माहौल है। वहीं पडुआपुरा गांव बीहड़ में मोनी बाबा आश्रम पर बंधी गायों पर शुक्रवार की रात को तेंदुए ने हमला बोल दिया। इस हमले में एक गाय घायल हो गई। लाठी डंडे कुल्हाड़ी लेकर वहां मौजूद संतों ने किसी तरह गायों को बचाने के लिए तेंदुआ को भगाया। घायल गाय का इलाज कराया है। तेंदुआ जानवर के हमले से आश्रम पर रहने वाले संतों में भी दहशत व्याप्त है।



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