मुरादाबाद। 11 गांवों में भूमि अधिग्रहण के विरोध में चल रहा भारतीय किसान यूनियन (टिकैत) का धरना एमडीए वीसी से वार्ता के बाद समाप्त हो गया। एमडीए उपाध्यक्ष ने आश्वासन दिया कि बिना सहमति भूमि अधिग्रहण नहीं किया जाएगा। इससे पहले पूरे दिन धरनास्थल पर किसान नेताओं ने पंचायत की और नारेबाजी कर एमडीए प्रशासन पर किसानों को परेशान करने का आरोप लगाया।
मुरादाबाद विकास प्राधिकरण ने 1250 हेक्टेयर क्षेत्र में नया शहर बसाने की योजना के तहत 11 गांवों के किसानों की भूमि आपसी सहमति से लेने की सूचना जारी की थी। इसके बाद से ही संबंधित क्षेत्र के किसान और किसान संगठन इसका विरोध करते आ रहे हैं। योजना को रद्द करने की मांग को लेकर भाकियू (टिकैत) के नेताओं की अगुवाई में किसानों ने एमडीए दफ्तर पर तीन दिन पहले अनिश्चितकालीन धरना शुरू किया था।
प्रशासन की पेशकश पर भाकियू के प्रतिनिधि मंडल की शाम को वीसी से वार्ता हुई। एमडीए वीसी ने स्पष्ट तौर पर कहा कि एमडीए प्रशासन बिना किसानों की सहमति के उनकी भूमि नहीं लेगा। इसके अलावा किसानों ने अगर अपने स्वयं के रहने के लिए कोई आवास बनाया है तो कोई कार्रवाई नहीं होगी। लेकिन अगर कहीं अवैध प्लाटिंग होगी तो उस पर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। किसान नेता इस पर सहमत हो गए। इसके बाद धरना समाप्त कर दिया गया। वीसी से हुई वार्ता में भाकियू (टिकैत) के राष्ट्रीय सचिव डॉ. नो सिंह, प्रदेश महासचिव डॉ. चरन सिंह, जिलाध्यक्ष मनोज चौधरी, राजेंद्र सिंह, और शीषपाल सिंह शामिल रहे।