मुरादाबाद। सावन के आखिरी सोमवार पर भगवान भोलेनाथ के जलाभिषेक के लिए गंगाजल लेकर आ रहे कांवड़ बेड़ों से पीतल नगरी भगवामय हो गई। शिवभक्तों में जबरदस्त उत्साह रहा। दो माह तक चली कांवड़ यात्रा की रौनक रविवार को आस्था के सैलाब में बदल गई। दिल्ली रोड पर एक तरफ लगे शिविरों की वजह से सड़क पर जबरदस्त भीड़ दिखाई दी। हालात यह थे कि पैदल चलने के लिए भी लोगों को मशक्कत करनी पड़ी। सुबह से शुरू हुआ कांवड़ आने का सिलसिला देर रात तक जारी रहा।
सावन के आखिरी सोमवार पर भगवान भोलेनाथ का जलाभिषेक करने के लिए कांवड़िये रविवार को सुबह ब्रजघाट से गंगाजल लेकर निकले। पैदल जल लेकर मुरादाबाद तक कांवड़ियों को न पांवों में छालों की फिक्र थी, न ही थकान का असर। घुंघरुओं की छन-छन की आवाज, होठों पर भोले के जयकारे, डीजे पर बजते भजनों पर थिरकते कदम और केसरिया सैलाब कुछ ऐसा ही नजारा था रविवार को दिल्ली रोड का। सावन का अधिकमास होने की वजह से दो माह तक सोमवार पर श्रद्धालुओं भोलेनाथ का जलाभिषेक और रुद्राभिषेक पूरे उत्साह के साथ किया है। आखिरी सोमवार होने की वजह से पूरा रोमांचक माहौल था। जगह-जगह कांवड़ियों का स्वागत किया गया। हरिद्वार और ब्रजघाट से गंगाजल लाने वाले कांवड़ियों का रविवार को लंबा काफिला था। दिल्ली रोड पर श्रद्धालुओं की भीड़ की वजह से सामान्य आवाजाही न के बराबर थी। शहवासियों ने कांवड़ियों की सेवा में पलक पावड़े बिछा दिए। भव्य तरह से सजी कांवड़, झांकियां और गूंजते भजनों ने हर किसी को उत्साहित कर दिया। कांवड़ यात्रा में बच्चे, बुजुर्ग, महिलाएं सभी शिवभक्ति में लीन नजर आए।