शव प्रतीकात्मक
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हाथरस शहर के अलीगढ़ रोड रुहेरी स्थित एक निजी नर्सिंग होम के बाहर सोमवार की दोपहर को इलाज के दौरान मरीज की मौत पर परिजनों का गुस्सा फूट पड़ा। नाराज परिजनों ने इलाज में लापरवाही बरतने का आरोप लगाते हुए जमकर हंगामा किया। कोतवाली हाथरस गेट पुलिस भी मौके पर पहुंच गई और परिजनों को समझा-बुझाकर शांत कराया। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।
कोतवाली हाथरस जंक्शन क्षेत्र के गांव ठूलई निवासी 58 वर्षीय वीरेंद्र सिंह पुत्र लाल सिंह के सीधे पैर में फोड़ा हो गया था। उनका बेटा प्रमोद कुमार शनिवार की दोपहर को उन्हें उपचार के लिए शहर के अलीगढ़ रोड रुहेरी स्थित निजी हॉस्पिटल में ले गया। वहां चिकित्सक ने वीरेंद्र सिंह के पैर को देखकर कहा कि उन्हें सेप्टिक हो गया है और ऑपरेशन करना पड़ेगा।
रविवार को अस्पताल के डॉक्टर ने वीरेंद्र सिंह को ऑपरेशन के लिए बुलाकर अस्पताल में भर्ती कर लिया। प्रमोद ने बताया कि सोमवार दोपहर करीब साढ़े 11 बजे उनके पिता को अस्पताल के कर्मचारी ने इंजेक्शन लगाया, जिससे उनकी हालत बिगड़ गई। यह देखकर अस्पताल प्रशासन के हाथ-पांव फूल गए और उन्होंने हाथ खड़े करते हुए उनको अलीगढ़ ले जाने की बात कही।
परिजनों का आरोप है कि रेफर करने से पहले ही अस्पताल में ही उनकी मौत हो चुकी थी, फिर भी प्रमोद अपने पिता के शव को गाड़ी से अलीगढ़ लेकर पहुंचे। वहां चिकित्सक ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। अलीगढ़ से लौटने के बाद परिजनों ने शव को अस्पताल के बाहर हंगामा शुरू कर दिया।
उनका आरोप था कि इलाज में लापरवाही से मरीज की मौत हुई है। कोतवाली हाथरस गेट पुलिस भी मौके पर पहुंच गई और पूरे मामले की जानकारी ली। कोतवाली हाथरस गेट के प्रभारी सतेंद्र सिंह राघव का कहना है कि शव का पोस्टमार्टम होने के बाद ही नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।