प्रतीकात्मक तस्वीर।
विस्तार
लखनऊ के विराजखंड स्थित होटल पार्क व्यू इन में जाली नोट छापने वाले गिरोह के गुर्गे सोशल मीडिया के जरिये एक दूसरे से जुड़े थे। यूट्यूब के जरिये नोट छापना सीखा। पिछले चार साल से ये सभी लाखों-करोड़ों के जाली नोट बाजार में खपा चुके हैं। हाल में आई फर्जी वेब सिरीज से फेक करेंसी संबंधी तमाम बारीकी सीखी और शातिर हो गए। गिरोह का नेटवर्क यूपी के अलावा राजस्थान, पश्चिम बंगाल, गुजरात, मध्य प्रदेश, बिहार, दिल्ली, पंजाब और हरियाणा में भी है, जहां ये जाली नोट की खेप सप्लाई करते थे।
डीसीपी ने बताया कि नोट छापने का काम आरोपी रवि प्रकाश और उत्कर्ष द्विवेदी करते थे। मुख्य सप्लायर दिल्ली का विकास भारद्वाज था। अन्य दोनों आरोपी लोकल स्तर पर नोट की सप्लाई करते थे। विकास भारद्वाज कुछ साल पहले जाली नोट के मामले में दिल्ली से जेल भी जा चुका है। ये सभी इंस्टाग्राम में फेक करेंसी नाम से कई अकाउंट चलाते हैं। उसी के जरिये एक-दूसरे के संपर्क में आते गए। दोनों आरोपी नोट छापकर विकास भारद्वाज को देते थे, जो अलग-अलग राज्यों में पहुंचाता था। कुरियर के जरिये जाली नोटों की खेप भेजते थे।
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व्हाट्सएप ग्रुप पर आती थी डिमांड
पुलिस ने आरोपियों के मोबाइल खंगाले तो कई अहम सुबूत सामने आए। व्हाट्सएप ग्रुप में अलग-अलग राज्यों के लोग जुड़े हैं। तमाम एजेंट इन्हीं ग्रुपों में जाली नोट की मांग करते हैं। पैसे खाते में भेजते हैं, उसके एवज में जाली नोट आरोपी उनको पहुंचा देते हैं। बीस हजार में एक लाख रुपये के नकली नोट देते थे।
गिरोह का अहम किरदार पकड़ से दूर
एसीपी अलीगंज आशुतोष कुमार ने बताया कि आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि एक शख्स कुछ साल पहले मिला था, जिसने व्हाट्सएप पर उनको एक पीडीएफ भेजा था। इसमें 500, 200 और 100 रुपये का प्रोफार्मा था। बस उसी को ये कागज पर प्रिंट करते थे। पुलिस इस शख्स को असल किरदार मान रही है। पुलिस ने उसके बारे में पूरी जानकारी जुटा ली है। अभी उसका नाम व अन्य जानकारी सार्वजनिक नहीं की है। सूत्रों के मुताबिक वह गिरोह से जुड़ा हुआ है। नोट सप्लाई में उसका भी हाथ है।
चिनहट में खपाए बीस हजार के नोट
आरोपियों ने बताया कि पिछले महीने उन्होंने 20 हजार रुपये के जाली नोट चिनहट इलाके में खपाए थे। आरोपियों के पास से 500 के 640 नोट, 200 रुपये के तीन और 100 रुपये के दो जाली नोट बरामद हुए। प्रिंटर, लैपटॉप, लेमिनेशन मशीन, 200 रुपये के 23 पन्ने प्रिंटेड, 8 पेज 100 रुपये के व 41 पेज 500 रुपये के प्रिंटेड मिले। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की फोटो बनी मुहर, केमिकल की सीसी, आदि चीजें बरामद हुईं।
क्या होटल प्रशासन भी मिला है?
पुलिस का दावा है कि आरोपी होटल पार्क व्यू इन में जाली नोट छापते थे। पूरी बरामदगी वहीं से हुई। हालांकि जहां पर आरोपी रहते थे वहां भी नोट छापने का काम करते थे।