इस्लाम तालीम में औरत-मर्द में फर्क नहीं करता : जैनब

इस्लाम तालीम में औरत-मर्द में फर्क नहीं करता : जैनब


मुरादाबाद। इसलाह-ए-मुआशरा की ओर से मोती बाग दीवान बाजार स्थित एक शादी हाल में खवातीन में तालीमी बेदारी पैदा करने के लिए एक तालीमी, इस्लाही इज्तिमा का आयोजन किया गया।

जिसमें इस्लामिक स्कॉलर आलिमा जैनब ने कहा कि जब एक खातून (महिला) दीनी व दुनियावी तालीम हासिल कर लेती है तो आने वाली नस्लों को तालीम से संवार देती है। जब कोई औरत तालीमी कामयाबी के साथ तरक्की हासिल करती है तो वह कई नस्लों की कामयाबी का जरिया बनती है। उन्होंने कहा कि इस्लाम दीन तालीम के मामले में मर्द और औरत में कोई भेदभाव नहीं करता। दोनों की तालीम पर बराबर जोर देता है। इसलिए हमारे समाज की खवातीन (महिलाओं) को तालीम हासिल करना बहुत जरूरी है।

उन्होंने कहा कि आज समाज में फैली हुई बुराइयां अगर दूर करनी हैं तो खवातीन को खुद भी इल्म हासिल करना चाहिए और अपने बच्चों को भी तालीम और अच्छी तरबियत देनी चाहिए। अंत में इज्तिमा में मौजूद सभी खवातीन से इस बात का वादा लिया गया कि वे अपनी औलाद खास कर बेटियों की तालीम और तरबियत पर ध्यान देंगी।

इस मौके पर तहरीक के सभी जिम्मेदारान खास कर हकीम सैय्यद अनवार अली, कारी फरयाद अली, मुफ्ती करामत अली खान नईमी, मुफ्ती बाकर अली नईमी, डॉक्टर आसिफ़ अली, हाजी अहमद हसन, फैज़ आलम, सैय्यद आजम अली, हाजी इकतीदार, जावेद, मुहम्मद अली वारिस वारसी का सहयोग रहा।



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