प्रतीकात्मक
– फोटो : फाइल
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बड़ौत की रहने वाली राजेंद्री के पति की डेढ़ साल पहले मौत हो गई थी। उसने परिवार का गुजारा करने के लिए निराश्रित महिला पेंशन योजना का लाभ लेने के लिए आवेदन किया तो उसे प्रतिमाह एक हजार रुपये पेंशन मिलने लगी। उसने आठ महीने पहले दूसरी शादी कर ली। इसके बाद भी वह खुद को विधवा बताकर पेंशन लेती रही।
इस तरह अकेली राजेंद्री ही नहीं है, जो इस तरह से पेंशन ले रही थी। बल्कि इस तरह की 71 महिलाएं मिली हैं, जो अपात्र होते हुए भी पेंशन योजना का लाभ ले रही थीं। यहां निराश्रित महिला पेंशन योजना की 13,263 लाभार्थियों की जांच कराने के बाद इसका पता चला है।
इनमें करीब 71 महिलाएं ऐसी मिली हैं, जो दूसरी शादी करने के बाद भी पेंशन ले रही थीं। वहीं करीब 50 महिलाएं ऐसी हैं, जिन्होंने जिस जगह पर रहते हुए पेंशन बनवाई थी। वह अब वहां से चली गई हैं, वह सत्यापन में नहीं मिल रही हैं।
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