सिर झुकाकर या लेटकर मोबाइल चलाना खतरनाक
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मोबाइल फोन हर व्यक्ति की जरूरत बन चुका है। घंटों इस्तेमाल करने से इसके दुष्परिणाम सामने आने लगे हैं। सिर झुकाकर या लेटकर मोबाइल फोन लगातार चलाने से गर्दन की मांसपेशियों पर अतिरिक्त बोझ पड़ता है। इससे सर्वाइकल स्पॉन्डलाइटिस, चक्कर आना, हाथों में सुन्नपन, सिरदर्द जैसी शिकायतें बढ़ रही हैं। साथ ही, रीढ़ का ढांचा भी बिगड़ रहा है।
विश्व फिजियोथेरेपी दिवस पर शहर के फिजियोथेरेपिस्ट बताते हैं कि लोग दर्द से छुटकारा पाने के लिए दर्दनिवारक दवाओं का सेवन करते हैं। इन दवाओं के अत्यधिक सेवन से शरीर के दूसरे अंग भी प्रभावित होते हैं। उनके अनुसार, मोबाइल फोन से दूरी और फिजियोथेरेपी से समस्या से छुटकारा पा सकते हैं।
गर्दन पर पड़ता है 27 किग्रा का दबाव
फिजियोथेरेपिस्ट डॉ. अभय पचौरी के अनुसार, गर्दन को सीधा कर मोबाइल फोन चलाने पर कम से कम 5 किग्रा का दबाव गर्दन पर पड़ता है। गर्दन को थोड़ा झुकाकर (लगभग 15 डिग्री पर) मोबाइल फोन देखने पर 12 किग्रा का दबाव, लगभग 30 डिग्री झुकने पर 18 किग्रा और 45 डिग्री पर लगभग 22 किग्रा और अधिकतम 60 डिग्री झुककर मोबाइल फोन देखने पर 27 किग्रा का दबाव गर्दन की मांसपेशियों और रीढ़ की हड्डियों पर पड़ता है। रीढ़ का ढांचा भी बिगड़ रहा है। इससे सर्वाइकल स्पॉन्डलाइटिस, चक्कर आना, हाथों में सुन्नपन-झनझनाहट, सिरदर्द आदि समस्याएं होने लगती हैं। इन समस्याओं से पीड़ित लोग डॉक्टर और फिजियोथेरेपिस्ट के पास पहुंच रहे हैं।
बच्चों से छुड़ाएं मोबाइल फोन की लत
मोबाइल फोन के इस्तेमाल से गर्दन और रीढ़ की हड्डी में समस्या महसूस हो तो तुरंत किसी योग्य डॉक्टर और वरिष्ठ फिजियोथेरेपिस्ट से संपर्क करना चाहिए। समस्या का समय रहते इलाज करवाना चाहिए। बच्चों की मोबाइल फोन की लत छुड़ाने के लिए माता-पिता को विशेष ध्यान देना चाहिए। – डॉ. अभय पचौरी, फिजियोथेरेपिस्ट।