मुरादाबाद। कोसी नदी ने एक बार फिर तबाही मचानी शुरू कर दी है। उफनाई नदी की तेज धार अपने साथ गांव हरपाल नगर की आबादी को बचाने के लिए बाढ़ खंड द्वारा करीब 20 दिन पहले 50 लाख रुपये की लागत से बचाव कार्य कराए गए हैं। इसमें झाड़-झंकाड़, पेड़ की टहनियों और बल्ली आदि के माध्यम से कार्य किया गया था।
ग्रामीणों ने बताया कि यह सब कार्य सोमवार रात एक झटके में ही बह गया। बचाव कार्य को अपने आगोश में लेने के बाद नदीं ने गांव हरपाल नगर की आबादी की ओर कटान तेज कर दिया है। आबादी से पहले स्थित ग्रामीणों की करीब 22 बीघा लहलहाती फसल लीलने के बाद नदी गांव के करीब पहुंच गई है।
कटान के कारण गांव निवासी कुंवरपाल सिंह की सात बीघा, जाहिद की आठ बीघा, नीटू सिंह के पॉपुलर के 20 पेड़, शौकत मियां की तीन बीघा, वीरेंद्र सिंह की ढाई बीघा जमीन गन्ना, बाजरा व अन्य फसल समेत नदी में समा चुकी है। यहां गांव और नदी के बीच फासला करीब डेढ़ जरीब रह गया है। ग्रामीणों ने बताया कि उन्होंने इसकी सूचना बाढ़ खंड के अधिकारियों को दी है, लेकिन इसके बाद भी वह मौके पर नहीं पहुंचे हैं।
हरपाल नगर टापू बना, संपर्क मार्ग कटे उफनाई कोसी का पानी हरपालनगर गांव में एक से दो फिट भर गया है। इसके अलावा गदईखेड़ा से हरपाल नगर जाने वाला मार्ग पानी के तेज बहाव में पुलिया के पास कट गया है। करीब 20 दिन पहले भी उफनाई कोसी के कारण यह मार्ग क्षतिग्रस्त हो गया था। जिसकी मरम्मत कराई गई थी, लेकिन इस बार धार तेज होने के कारण संपर्क मार्ग कट गया। इस मार्ग पर आवागमन बंद होने और गांव के चारों ओर पानी के कारण यह गांव टापू बन गया है। गांव निवासी नरेश सिंह और सर्वेश कुमार सिंह ने बताया कि दोपहर बाद तहसील प्रशासन की ओर से लेखपाल व कुछ अन्य कर्मचारी मोटरबोट लेकर गांव पहुंचे थे, लेकिन मोटर में घास आदि फंसने के कारण उसमें खराबी आगई। जिसके बाद टीम तुरंत वहां से वापस लौट आई। पीतलनगरी से रौंडा जाने वाले मार्ग पर धतौरा के पास और बीरपुर बरियार गांव के पास करीब तीन फीट पानी होने, मूंढापांडे से रौंडा जाने वाले मार्ग पर रौंडा पुल के पास और रनियाठेर मार्ग पर तीन से चार फीट बहने के कारण इन मार्गों पर आवागमन बंद हैं।