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आगरा के गणपति इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड ने रेलवे की 90 हजार से अधिक वर्गमीटर के टेंडर में गड़बड़ी का आरोप लगाया है। इसके लिए बिल्डर ने दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। इस मामले पर रेल भूमि विकास प्राधिकरण (आरएलडीए) ने आरोपों की जांच के बाद असत्य बताए हैं।
गणपति इंफ्रास्ट्रक्चर के निखिल अग्रवाल ने बताया कि बेलनगंज के गधापाड़ा में 90304 वर्गमीटर जमीन के 90 साल के लीज पर देने के लिए 213.80 करोड़ रुपये का टेंडर 6 जून 2023 में हुआ। इसकी अंतिम तिथि 11 अगस्त अपराह्न 3 बजे तक थी। उनकी लॉग इन आइडी से फाइनेंशियल बिड अपलोड नहीं हो पाई। सर्वर नहीं चल रहा था। आरोप है कि जब उन्होंने तकनीकी टीम से जांच कराई तो उनकी लॉग इन आईडी को 31 बार आरएलडीए के अधिकारियों ने छेड़छाड़ की। इससे उनका टेंडर नहीं हुआ और ओपी चेंस ग्रुप ही एकमात्र टेंडर करने वाली कंपनी रह गई। आरएलडीए में शिकायत पर भी कार्रवाई नहीं होने पर बृहस्पतिवार को दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। ओपी चेंस के निदेशक शोभिक गोयल का कहना है कि ऑनलाइन टेंडर प्रक्रिया पूरी तरह से सुरक्षित है। शिकायत पर रेलवे की जांच में भी कोई गड़बड़ी नहीं मिली है।
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शिकायत झूठी, प्रक्रिया पूरी तरह सुरक्षित
आरएलडीए के जनसंपर्क अधिकारी अपूर्व अग्निहोत्री का कहना है कि शिकायत पर जीएम रैंक के दो सदस्यों से जांच में आरोप पूरी तरह से असत्य पाए गए। टेंडर विजार्ड पोर्टल में तकनीकी गड़बड़ी नहीं थी और सिस्टम मजबूत है। मानक परीक्षण गुणवत्ता नियंत्रण (एसटीओसी) से भी प्रमाणित है। आईटी अधिनियम 2000 सीवीसी दिशा-निर्देश डेटा पूरी तरह से सुरक्षित है। कोई भी बाहरी और अंदरूनी व्यक्ति एक्सेस नहीं कर सकता है। जांच में कोई संदिग्ध तथ्य सामने नहीं आए। तकनीकी गड़बड़ी और आरएलडीए के अधिकारियों की भूमिका संदिग्ध मिली है।
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