अलीगढ़: डेंगू मच्छर के नाम पर दिव्यांग बुजुर्ग महिला को दिखाया जुर्माने का डर, कर्मी पर अवैध वसूली का आरोप

अलीगढ़: डेंगू मच्छर के नाम पर दिव्यांग बुजुर्ग महिला को दिखाया जुर्माने का डर, कर्मी पर अवैध वसूली का आरोप



शशि अग्रवाल, पीड़ित महिला
– फोटो : स्वयं

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मच्छर जनित और जल जनित बीमारियों की रोकथाम के लिए अलीगढ़ जिले में चलाए जा रहे अभियान पर एक दिव्यांग बुजुर्ग महिला ने सवाल खड़े कर दिए। दिव्यांग महिला ने स्वास्थ्यकर्मी पर अवैध वसूली का आरोप लगाया है। डेंगू मच्छर के नाम पर जुर्माने का डर दिखा कर्मी ने उनसे रुपयों की मांग की। आसपास के लोगों से भी कर्मी से रुपये मांगे। बुजुर्ग महिला ने इसकी शिकायत सीएम से की है।

डेंगू, मलेरिया की रोकथाम के लिए जिले में डोर टू डोर जाकर स्वास्थ्य विभाग की निरोधात्मक कार्यवाही कर रही है। घर-घर जाकर लार्वा को निस्तारित किया जा रहा है। एंटी लार्वा दवा का छिड़काव और फॉगिंग कराई जा रही है। शशि अग्रवाल निवासी राज अपार्टमेंट निरंजपुरी ने स्वास्थ विभाग की इस कार्यशैली पर सवाल खड़े कर दिए हैं। महिला का आरोप है कि 7 सितंबर जन्माष्टमी पर उनके इलाके में पांच-छह स्वास्थ्य कर्मियों का एक समूह आया। इस दौरान वह अलग-अलग घरों में चेकिंग को गए। 

एक स्वास्थ्य कर्मी उनके घर पर भी आया। आरोप है कि अंदर आने पर उसने खाली कूलर को ही चैक कर डाला। डेंगू का मच्छर बताकर बुजुर्ग से पंद्रह हजार रुपये बतौर जुर्माना मांगा। इससे वह घबरा गई। चैकिंग के बहाने कर्मी ने बुर्जुग का पूरे घर की तलाशी ले ली। यहां तक की उसकी अलमारी भी खंगाल दी। बाद में वह रसीद काटने लगा। बाद में जुर्माना छोड़ उनसे रुपयों की मांग की। 

स्वास्थ्य कर्मी के इस बर्ताव से बुजुर्ग पूरी तरह घबरा गई और उसने जुर्माने की भारी भरकम राशि से बचने के लिए पांच सौ रुपये दे दिए। जिस वक्त ये पूरा वाक्या हुआ बुजुर्ग घर में अकेली थी। बुजुर्ग दिव्यांग ने पूरे मामले की ट्विटर के माध्यम से सीएम से की है। वहीं जिला स्तर पर शनिवार को वह सीएमओ से इसकी शिकायत करेंगी। 

लार्वा मिलने पर अभी जुर्माने का प्रावधान नहीं

जिला मलेरिया अधिकारी डॉ राहुल कुलश्रेष्ठ ने बताया कि जिले में घर-घर जाकर स्वास्थ्य विभाग की टीम एंटी लार्वा दवा का छिड़काव और फॉगिंग कर रही है। लार्वा मिलने में जिले में अभी जुर्माने का कोई प्रावधान नहीं है। अगर कोई जुर्माना वसूलने की बात कहता है, तो पुलिस या स्वास्थ विभाग से संपर्क करें। संबंधित व्यक्ति के खिलाफ एफआईआर कराई जाए। 



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