पीएम मोदी ने की विश्वकर्मा योजना की शुरुआत।
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लोकसभा चुनाव से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों लॉन्च पीएम विश्वकर्मा योजना का लाभ पूर्वांचल के 10 लाख से ज्यादा कामगारों को मिलेगा। राजनीतिक विशेषज्ञों का कहना है कि शिल्पियों के हुनर का सम्मान आने वाले चुनाव में भाजपा को फायदा पहुंचा सकता है। इसके जरिये पूर्वांचल की पिछड़ी जातियों को जोड़ा जा गया है। चुनाव में निर्णायक भूमिका निभाने वाले पिछड़े समाज की कारीगर जातियों पर सभी दलों की निगाह है।
विपक्ष के संयुक्त गठबंधन भी पिछड़ी जातियों को साधने में लगा है, लेकिन भाजपा सरकार योजनाओं के जरिये अपना वोट बैंक मजबूत बना रही है। इस योजना का लाभ वाराणसी सहित पूर्वांचल के 18 विधाओं से जुड़े शिल्पियों को मिलेगा, जिनकी संख्या वाराणसी और पूर्वांचल के जिलों में अधिक है। योजना के तहत उनके हुनर और उत्पादों की ब्रांडिंग होगी। व्यवसाय के लिए दो से तीन लाख रुपये कम ब्याज दर पर ऋण मिल सकेगा।
इन्हें मिलेगा लाभ
बढ़ई, नौका निर्माता, शस्त्रसाज, लोहार, हथौड़ा और टूल किट निर्माता, ताला बनाने वाले, सुनार, कुम्हार, मूर्तिकार, पत्थर तोड़ने वाले, मोची (जूता कारीगर), राजमिस्त्री, टोकरी, चटाई, झाड़ू निर्माता, कॉयर बुनकर, गुड़िया और खिलौना निर्माता (पारंपरिक), नाई, माला बनाने वाले, धोबी, दर्जी, मछली पकड़ने का जाल बनाने वालों को लाभ मिलेगा।