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– फोटो : iStock
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देश के लोगों के लिए राहत भरी खबर है। कोविड वैक्सीन लेने वाले लोगों के डाटा को सुरक्षित रखने वाले कोविन पोर्टल से डाटा लीक नहीं हुआ है। दिल्ली पुलिस ने भारत सरकार को पत्र लिख कर बताया है कि कोविन पोर्टल से डाटा डाउनलोड नहीं हुआ है।
दिल्ली पुलिस ने ये बताने के लिए देश के स्वास्थ्य मंत्रालय को विशेष पत्र लिखा है। इसके अलावा दिल्ली पुलिस ने देश की नोडल साइबर सुरक्षा एजेंसी भारतीय कंप्यूटर आपात प्रतिक्रिया दल(सर्ट-इन) को भी पत्र लिख लिखा पूछा है कि कोविन पोर्टल पर कितने लोगों ने विजिट किया है। दिल्ली पुलिस की जांच में ये सनसनीखेज खुलासा हुआ है कि पोर्टल की सुरक्षा में कई खामियां थीं। इनका हैकर उसका फायदा उठा सकते थे।
दिल्ली पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकाकिरक सूत्र ने बताया कि दिल्ली पुलिस की आईएफएसओ की अभी तक की जांच में ये बात सामने आई है कि आरोपी भाइयों ने सर्वर से किसी तरह का डाटा डाउनलोड नहीं किया है। आरोपियों के पास इस तरह की डिवाइस नहीं थी कि वे डाटा का डाउनलोड कर सकें। पुलिस आरोपियों के मोबाइल, लैपटॉप व कनेक्शन डिवाइस को जब्त कर लिया है। इनके सभी डिवाइस की जांच कर ली गई है।
पुलिस ने बड़े भाई ओम को तीन दिन का पुलिस रिमांड खत्म होने के बाद बृहस्पतिवार को कोर्ट में पेश किया। कोर्ट ने आरोपी को न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। आरोपी के छोटे भाई ने कोर्टल पर डाटा सर्च करने के लिए बॉट बना दिया था। उसने इस बॉट को अपने टेलीग्राम चैनल पर डाल दिया था।
नाबालिग आरोपी ने हैकर4लर्न नाम से टेलीग्राम पर चैनल बना रखा था। इस चैनल पर जाकर लोग बॉट के जरिए पोर्टल पर डाटा सर्च कर सकते थे या फिर पोर्टल तक जा सकते थे। पुलिस की अभी तक जांच में ये बात सामने आई है कि आरोपी के बॉट के जरिए 50 से 60 लोगों ने पोर्टल पर जाकर डाटा सर्च किया है।
दिल्ली पुलिस ने आरोपी भाईयों को क्लीन चिट दे दी है। पुलिस ये पता कर रही है कि आरोपी ओम की इसमें क्या भूमिका थी। क्या ओम को ये सब पता था। अभी तक 17 वर्षीय छोटे भाई की पूरी भूमिका ही सामने आ रही है। हालांकि वह बीच-बीच में कुछ बाते बड़े भाई से पूछता था। आरोपी किशोर ने ज्यादातर बातें यानि बॉट बनाने की प्रक्रिया यू-ट्यूब से सीखी हैं।
पोर्टल में दो से तीन खामियां थी
दिल्ली पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि कोविन पोर्टल की सुरक्षा में दो से तीन खामियां पाई गई हैं। ये काफी बड़ी हैं। हालांकि सर्ट-इन की तरफ से पोर्टल की सुरक्षा मजबूत थी। इन कमियां का ही दोनों भाईयों ने फायदा उठाया। हैकर भी इसका फायदा उठा सकते थे। दिल्ली पुलिस ने स्वास्थ्य मंत्रालय को इन कमियों के बारे में बता दिया है।
सर्ट-इन से सर्च करने वाले लोगों के बारे में पूछा
हालांकि सर्ट-इन दिल्ली पुलिस के साथ-साथ इस मामले की जांच कर रही है। इसके बावजूद अब दिल्ली पुलिस ने सर्ट-इन को पत्र लिखकर पूछा है कि कोविन पोर्टल पर बॉट के जरिए कितने लोगों ने सर्च किया किया है। ये सर्वर की जांच के बाद ही पता लगेगा। कोविन पोर्टल का सर्वर सर्ट-इन के पास ही है।