बसपा सुप्रीमो मायावती व सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव।
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बसपा सुप्रीमो मायावती व सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने संसद में महिला आरक्षण को लेकर पेश किए गए बिल का समर्थन किया है पर एक शर्त रख दी है। मायावती ने कहा कि केंद्र सरकार महिलाओं को लोकसभा व राज्य विधानसभा में 33 प्रतिशत सीटों पर आरक्षण देने के लिए संसद में बिल लाने जा रही है। हम इसका समर्थन करते हैं।
उन्होंने कहा कि महिलाओं की संख्या देखते हुए आरक्षण का प्रतिशत अगर 33 की जगह 50 होता तो भी हम इसका समर्थन करते। उम्मीद है कि संसद में इस पर चर्चा होगी।
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उन्होंने कहा कि इसके तहत अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति की महिलाओं के लिए अलग से कोटा लागू करने की मांग बसपा करती है। संसद से इस बिल के पास होने के बाद लोकसभा व राज्य की विधानसभाओं में महिला सदस्यों के लिए 33 फीसदी सीटें आरक्षित हो जाएंगी।
वहीं, सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि महिला आरक्षण में लैंगिक न्याय और सामाजिक न्याय का संतुलन होना चाहिए। इसमें पिछड़े, दलित, अल्पसंख्यक, आदिवासी (PDA) समाज की महिलाओं का आरक्षण निश्चित प्रतिशत रूप में स्पष्ट होना चाहिए।
डिप्टी सीएम बोले-महिलाओं को मजबूत बना रहे हैं मोदी
यूपी के डिप्टी सीएम केशव मौर्या ने कहा कि मोदी जी लगातार महिलाओं को मजबूत बना रहे हैं। फिर वह चाहे समूह का निर्माण हो, बैंक के खाते हों या प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मिलने वाले घर हों, इन सभी में महिलाओं का प्रतिशत ज्यादा है। नए संसद भवन में महिला सशक्क्तीकरण की शुरुआत हो चुकी है। यह बिल संसद और विधानसभा में महिलाओं की स्थिति मजबूत करेगा।
अर्पणा बोलीं यह मोदी का मास्टर स्ट्रोक
अर्पणा यादव ने कहा कि हर महिला इस बिल को लेकर खुश है। यह प्रधानमंत्री मोदी की दूरगामी सोच का प्रतीक है। हर महिला को आरक्षण की जरुरत भी है। फिर वह चाहे किसी भी धर्म और जाति की हो। लोकसभा, विधानसभा और राजनीतिक पार्टियों में महिलाओं को आरक्षण मिलना शुरू हो जाएगा। इससे समाज में उनकी स्थिति बदलेगी। यह मोदी का मास्टर स्ट्रोक है। मैं फिर दोहराती हूं कि मोदी है तो मुमकिन है।