मुरादाबाद के जिला अस्पताल में भर्ती मरीज
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कुंदरकी ब्लॉक क्षेत्र के गांव सोनकपुर की चालीस वर्षीय तहसीना और उनकी 15 वर्षीय बेटी फिजा की चौबीस घंटे के भीतर डेंगू से मौत हो गई। मां-बेटी ने इलाज के दौरान मुरादाबाद में अलग-अलग निजी अस्पतालों में दम तोड़ दिया। वहीं ठाकुरद्वारा में 35 वर्षीय सुनील कुमार की बुखार से जान चली गई।
सोनकपुर गांव निवासी दूध विक्रेता नन्हे सैफी की पत्नी तहसीना और बेटी फिजा करीब छह दिनों से बुखार से पीड़ित थीं। स्थानीय डॉक्टर से इलाज कराने से आराम नहीं मिला तो परिजन तहसीना को मुरादाबाद के कॉसमॉस अस्पताल में भर्ती कराया।
फिजा का पहले से ही मुरादाबाद के साईं हॉस्पिटल में इलाज चल रहा था। इलाज के दौरान बृहस्पतिवार की रात तहसीना ने दम तोड़ दिया। चौबीस घंटे के भीतर शुक्रवार रात आठ बजे फिजा की भी मौत हो गई। परिजनों के मुताबिक ब्लड की जांच में डेंगू की पुष्टि हुई थी।
इसके चलते प्लेटलेट्स लगातार गिरती चली गई। नन्हे सैफी और उनकी दो अन्य बेटियां भी बुखार की चपेट है, जिनका इलाज चल रहा है। चौबीस घंटे में डेंगू से दो मौतें होने से ग्रामीण दहशत में हैं।
ग्रामीणों के मुताबिक 14 सितंबर को रोजगार सेवक अनिल कुमार के पिता सुरेश सिंह (58) की डेंगू से दिल्ली के एक अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई थी। कुंदरकी चिकित्सा अधीक्षक डॉ. अमित सक्सेना ने बताया कि मां-बेटी की मौत का ऑडिट कराई जाएगी।
दूसरी ओर ठाकुरद्वारा नगर के मोहल्ला हरिहर मंदिर निवासी सुनील कुमार कई दिन से बुखार से पीड़ित था। शनिवार को उसकी मौत हो गई। वहीं सीएचसी की ओपीडी में पहुंचे 441 मरीजों में 50 बुखार पीड़ित पाए गए।
गांव भायपुर, कुंडेसरा और वार्ड नंबर आठ आसरा कालोनी में स्वास्थ्य विभाग की ओर से लगाए गए कैंप में बुखार के 37 मरीज मिले।
कुंदरकी सीएचसी में डेंगू पीड़ित 13 नए मरीज भर्ती
कुंदरकी नगर और ग्रामीण इलाके में बुखार और डेंगू फैला हुआ है। शनिवार को कुंदरकी सीएचसी में पति-पत्नी समेत डेंगू के 13 नए मरीज भर्ती कराए गए। इसमें महिलाओं की संख्या अधिक है। यह मरीज गांव असदपुर, मोहनपुर, सीलपुर, कादलपुर मस्ती, नूरपुर, तख्तपुर हासा, आदि गांवों के रहने वाले हैं।