पंडित धीरेंद्र शास्त्री व वन मंत्री विजय शाह।
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मध्य प्रदेश के खंडवा पहुंचे बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने रविवार को हरसूद में अपना दिव्य दरबार लगाया। अपने इस दिव्य दरबार में पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने अनेक भक्तों का पर्चा भी खोला। वहीं, इस दौरान उन्होंने अपने ही अंदाज में कथा के जजमान और प्रदेश के वन मंत्री विजय शाह से भी पूछ लिया कि क्या उन्हें तो अपना पर्चा नहीं बनवाना है? हालांकि इस पर वन मंत्री शाह ने उन्हें इशारे से मना कर दिया, लेकिन पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने परिचय के बहाने वन मंत्री का पर्चा खोल ही दिया। पर्चे में कथा के पंडाल का भी राज खुल गया, जिसका वीडियो भी अब सोशल मिडिया पर वायरल हो चला है।
खंडवा जिले में बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर और कथा वाचक पंडित धीरेंद्र शास्त्री इन दिनों अपने दो दिनी प्रवास पर प्रदेश के वन मंत्री विजय शाह के विशेष आमंत्रण पर हरसूद पहुंचे हुए हैं। इस दौरान उन्होंने हरसूद में भक्तों को श्री हनुमंत और श्री राम कथा भी सुनाई। कथा के साथ ही साथ शास्त्री जी ने अपना दिव्य दरबार भी लगाया। इसी दरबार का एक वीडियो अब सोशल मीडिया पर भी जमकर वायरल हो रहा है, जिसमें पंडित धीरेंद्र शास्त्री वन मंत्री विजय शाह से कहते नजर आ रहे हैं कि क्या उन्हें तो अपना परचा नहीं बनवाना है? लेकिन जब वन मंत्री ने उन्हें इशारे से अपना पर्चा खुलवाने से मना कर दिया तो उन्होंने विजय शाह की तारीफ़ करते हुए कहा कि वन मंत्री बहुत ही अच्छे व्यक्ति हैं। जो मन में होता है वह साफ-साफ कह देते हैं। जब वह हमारे पास आए तो उन्होंने कहा कि बाबा पंडाल में बहुत पैसा खर्च हो रहा है, इतना पैसा हमारे पास नहीं है। इसलिए हमने एक मंत्री बुला लिए हैं।
इशारे-इशारे में जजमान वन मंत्री के कथा पंडाल की खुली पोल
वन मंत्री के प्रभुत्व वाले क्षेत्र में हो रही पंडित शास्त्री की कथा के वायरल वीडियो में पंडित शास्त्री वन मंत्री विजय से शाह की बात बताते हुए कहते दिख रहे हैं कि वन मंत्री ने उनसे कहा कि “बाबा पंडाल में बहुत पैसा खर्च हो रहा है, इतना पैसा हमारे पास नहीं है। इसलिए हमने एक मंत्री बुला लिए हैं।”
बता दें कि जिस पंडाल में पंडित धीरेंद्र शास्त्री की कथा का आयोजन जजमान विजय शाह की ओर से किया गया है। इसी पंडाल में एक दिन पूर्व ही मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने तेंदूपत्ता संग्राहकों को बोनस वितरण का कार्यक्रम भी किया था। यह बोनस वितरण का कार्यक्रम सरकारी खर्च पर किया जाना था। इसी के चलते क्षेत्र के लोगों द्वारा इसका साफ़ मतलब यही निकाला जा रहा था कि सरकारी खर्चे पर लगे पंडाल में ही बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर की कथा का आयोजन भी किया जा रहा है। हालांकि अभी तक मंत्री विजय शाह की ओर से इस मामले में कोई बयान जारी नहीं किया गया है।