सीएमओ कार्यालय पर जारी आंदोलन।
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अमेठी के मुंशीगंज स्थित संजय गांधी चिकित्सालय के निलंबित लाइसेंस को बहाल करने की मांग को लेकर सोमवार से सीएमओ कार्यालय पर आंदोलन शुरू किया गया है। अमेठी बचाओ संघर्ष समिति के बैनर तले ‘आवाज उठाओ अमेठी बचाओ’ के नारे के साथ कांग्रेस के पूर्व एमएलसी दीपक सिंह की अगुवाई में सोमवार से प्रदर्शन शुरू हुआ।
पूर्व एमएलसी दीपक सिंह ने कहा कि मुंशीगंज स्थित संजय गांधी अस्पताल बीते 35-40 वर्षों से चल रहा है। कई सरकारें आई और गई लेकिन किसी ने वैमनस्यता नहीं की। नफरत और ईर्ष्या वश गांधी लगा होने के कारण अस्पताल बंद करना चाहते हो तो बंद कर दीजिए। जबकि गांधी शांति का प्रतीक है। शांति नहीं पसंद है तो अस्पताल बंद करने के साथ ही आप पहले अपनी सरकारी सेवाओं को दुरुस्त कीजिए।
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उन्होंने कहा कि अमेठी की जनता को हम लोग मरने के लिए नहीं छोड़ सकते। आरोप लगाया कि अमेठी के सरकारी अस्पतालों में स्वास्थ्य सेवाएं पूरी तरह बदहाल हैं। तत्कालीन सांसद राहुल गांधी ने अमेठी में 200 बेड का अस्पताल दिया है जिसमें मात्र पांच चिकित्सक हैं। जिला अस्पताल, सीएचसी, पीएचसी सहित में कर्मियों की कमी है।
उन्होंने कहा कि इन सब मामलों को लेकर बगैर पार्टी एवं झंडा के दलगत भावना से ऊपर उठकर अमेठी संघर्ष समिति के बैनर तले स्वास्थ्य सेवाएं बहाल होने तक आंदोलन चलेगा। मंगलवार से मुंशीगंज स्थित संजय गांधी अस्पताल के ज्वाइंट फोरम ऑफ डाक्टर्स पैरामेडिकल स्टॉफ एवं कान्ट्रैक्ट वर्कर्स ऑफ संजय गांधी अस्पताल के बैनर तले 26 सितंबर से कर्मचारी सत्याग्रह शुरू करने की तैयारी में लगे हुए हैं।
ये है पूरा मामला: कोतवाली क्षेत्र मुसाफिरखाना के गांव पांडेय का पुरवा मजरे रामशाहपुर निवासी अनुज शुक्ल की पत्नी दिव्या शुक्ला 14 सितंबर को मुंशीगंज स्थित संजय गांधी अस्पताल में पथरी का ऑपरेशन कराने आई थी। ऑपरेशन थिएटर के अंदर बेहोशी का डोज देने के बाद दिव्या कोमा में चली गई उसके बाद मेदांता में इलाज के दौरान मौत हो गई।
आक्रोशित परिजनों व ग्रामीणों के प्रदर्शन के बाद अस्पताल के सीईओ व तीन चिकित्सकों के विरुद्ध गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज हुआ। इसके बाद सीएमओ ने अस्पताल का लाइसेंस निलंबित कर दिया। इससे वहां पर मरीजों का इलाज ठप हो गया है। इस अस्पताल के ट्रस्ट की अध्यक्ष रायबरेली सांसद सोनिया गांधी है।