शैलेश कुमार उर्फ शैलेंद्र सिंह चौहान।
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पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई को सेना से जुड़ी गोपनीय सूचनाएं देने वाले कासगंज निवासी जासूस शैलेश कुमार उर्फ शैलेंद्र सिंह चौहान को यूपी एटीएस ने सोमवार को गिरफ्तार कर लिया। सोशल मीडिया पर खुद को सैन्यकर्मी बताने वाले शैलेश को आईएसआई ने हनी ट्रैप के जरिए अपने झांसे में लिया, जिसके बाद वह पैसों के लालच में महत्वपूर्ण सैन्य प्रतिष्ठानों और सेना के वाहनों के मूवमेंट के बारे में जानकारी भेजने लगा। उसके खिलाफ एटीएस थाने में मुकदमा दर्ज किया गया है।
स्पेशल डीजी कानून-व्यवस्था एवं अपराध प्रशांत कुमार ने बताया कि शैलेश अरुणाचल प्रदेश में करीब आठ माह तक भारतीय सेना में पोर्टर का काम कर चुका है। वह वर्तमान में सेना में किसी पद पर नहीं है, हालांकि वह अपने प्रोफाइल में सेना में कार्यरत होने का दावा करता है। उसने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर शैलेश चौहान के नाम से प्रोफाइल बनाई, जिसमें लगी फोटो में वह सेना की वर्दी में नजर आता है। वह फेसबुक के माध्यम से हरलीन कौर नाम की आईडी के संपर्क में आया, जिसके बाद दोनों की मैसेंजर पर बातें होने लगी।
इसी तरह एक अन्य आईएसआई हैंडलर प्रीति से भी व्हाट्सएप पर ऑडियो कॉल के माध्यम से बात करने लगा। पहले शैलेश और प्रीति के बीच अंतरंग बातें हुई, बाद में प्रीति ने उसे बताया कि वह आईएसआई के लिए काम करती है। यदि वह सेना से जुड़ी जानकारी देगा, तो बदले में अच्छी रकम दी जाएगी। पैसों के लालच में शैलेश ने प्रीति को सेना से जुड़े महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों की लोकेशन तथा सेना की गाड़ियों के मूवमेंट के फोटो भेजे। इसके एवज में शैलेश के फोन-पे पर अप्रैल माह में दो हजार रुपये आये थे। इसके बाद वह लगातार सूचनाएं भेजने लगा, जिसके बदले में उसे पैसे दिये जाते रहे।
रिमांड पर लेगी एटीएस
एडीजी एटीएस मोहित अग्रवाल ने बताया कि आईएसआई के लिए जासूसी करने के पुख्ता प्रमाण मिलने पर शैलेश को सोमवार को एटीएस मुख्यालय बुलाया गया था। पूछताछ के दौरान उसके आरोप सही पाए जाने पर उसे गिरफ्तार कर लिया गया। उसे अदालत में पेश करने के बाद रिमांड पर लेने की कवायद की जा रही है। उन्होंने बताया कि हरलीन और प्रीति आईएसआई हैंडलर हैं। वह सीमा पार से छद्म नाम का इस्तेमाल कर सेना से जुड़ी जानकारियां जुटाती हैं ताकि इनका इस्तेमाल कर भारत में अस्थिरता फैलायी जा सके।