एस जयशंकर
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अमेरिका के पांच दिन के दौरे पर पहुंचे जयशंकर इस समय वाशिंगटन में हैं। बृहस्पतिवार को उनकी ब्लिंगन और सुविलन से मुलाकात हुई थी। थिंक-टैंक हडसन इंस्टीट्यूट के एक कार्यक्रम में जब जयशंकर से पूछा गया कि क्या ब्लिंकन के साथ उनकी मुलाकात में भारत के खिलाफ कनाडा के आरोपों का मुद्दा उठा, तो उन्होंने हां में जवाब दिया। जयशंकर ने कहा, हां मेरी बात हुई। अमेरिकी पक्ष ने इस पूरी स्थिति पर अपना आकलन साझा किया और उन्होंने अमेरिकियों को भारत की चिंताओं का सारांश समझाया। वहीं, अमेरिकी विदेश मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि ब्लिंकन ने बैठक के दौरान जयशंकर से कनाडा की जांच में सहयोग का आग्रह किया।
विदेश मंत्री ने कहा कि कनाडाई प्रधानमंत्री ट्रूडो ने पहले निजी तौर पर और फिर सार्वजनिक रूप से कुछ आरोप लगाए। निजी और सार्वजनिक दोनों में हमारी प्रतिक्रिया यह थी कि उनके आरोप भारत की नीति से मेल नहीं खाते हैं। अगर कोई प्रासंगिक और विशिष्ट बात है जिस पर वह भारत से गौर कराना चाहते हैं तो उसके के लिए सरकार तैयार हैं।
इस बातचीत को समझने केलिए हमें यह समझना होगा है कि वर्षों पुरानी मनमुटाव से निकला है। कनाडा ने आतंकियों और आतंकी वारदातों में शामिल लोगों का साथ दिया है। वहां उन्हें स्पेस मिला है। अमेरिकी कनाडा को अलग नजरिए से देखते हैं। पर हमारे लिए कनाडा एक ऐसा देश है जो भारत विरोधी गतिविधियों का केंद्र रहा है। भारत में संगठित अपराध में शामिल लोग कनाडा का रुख कर रहे हैं। कनाडा में मानव तस्करी, अलगाववाद, हिंसा और आतंकवाद का कॉकटेल चरम पर है। यहां इस तरह के लोगों और मुद्दों का टॉक्सिसक कॉम्बिनेशन बन गया है। उसे वहां स्पेस भी मिल रहा है।
जयशंकर ने कहा कि कनाडा ने जो आरोप लगाए हैं वे बेबुनियाद हैं। वहां सियासी मजबूरी में आतंकियों को शरण दी जा रही है। वहां आतंकियों और हिंसक गतिविधियों का वकालत करने वालों के लिए माकूल माहौल है। उन्हें कनाडा की राजनीति की वजह से आजादी मिली है।
विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कि गुरुवार को अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन से उनकी मुलाकात के दौरान खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के मामले पर चर्चा की गई। उन्होंने कहा हम लोगों के बीच बातचीत हुई थी। अमेरिका ने इस पूरे मुद्दे पर अपने रुख को हमसे साझा किया।