टाउन हॉल में आयोजित सदन की बैठक लेते मेयर अशोक तिवारी।
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जलकल ने पूरे शहर को बर्बाद कर रखा है। पहले जो भी निर्देश दिए गए, उसका पालन नहीं हुआ। आपका तो भगवान ही मालिक है। यह कहना है मेयर अशोक कुमार तिवारी का। मेयर नगर निगम सदन की सवा छह घंटे तक चली बैठक में सीवर का मुद्दा छाने से निराश थे। यही वजह रही कि नगर आयुक्त शिपू गिरि को जलकल महाप्रबंधक से लिखित जवाब लेने की जिम्मेदारी दी है।
नगर निगम सदन की बैठक शनिवार को हंगामेदार रही। टाउनहॉल में दोपहर 12:40 बजे बैठक शुरू हुई, जाे शाम 6:55 बजे तक चलती रही। इस बीच 13 प्रस्तावों पर चर्चा की गई। इस दौरान मेयर व पार्षदों के निशाने पर जलकल के महाप्रबंधक अरूणेंद्र कुमार राजपूत रहे। ज्यादातर पार्षदों ने सीवर की समस्या बताई और कहा कि पहले सदन और कार्यकारिणी में तय मुद्दों पर कुछ नहीं हो रहा। महाप्रबंधक पक्ष रखने के लिए खड़े हुए तो मेयर बिफर गए।
क्या बोले मेयर?
– हर जोन में जलकल कर्मचारियों की नियुक्ति क्याें नहीं ?।
– जोनल कार्यालयों पर जनसुनवाई हुई, लेकिन कोई ठोस परिणाम नहीं।
– कार्यकारिणी व सदन ने जो तय किया, वह क्यों नहीं हुआ।
– पार्षद सीवर की समस्या बताते हैं, फिर भी समाधान नहीं।
– जलकल के इंजीनियर व कर्मचारी फोन क्यों नहीं उठाते?
जलकल महाप्रबंधक का पक्ष
– नए क्षेत्रों में सीवर लाइन डाली जा रही ।
– मुख्य लाइनों की तरह ही ब्रांच लाइनों की सफाई कराई जा रही।
– अब उपकरणों की मदद से कराई जा रही सफाई।
– नव विस्तारित इलाकों में नई सीवर लाइन डालने का प्रस्ताव
– शिकायत का समाधान करा रहे