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आज ताकत का केंद्र एशिया बन चुका है और यही वजह है कि एशिया में हथियारों की होड़ लगी हुई है। अब इस हथियारों की होड़ में चीन के नए पैंतरे ने दुनिया की परेशानी बढ़ा दी है। दरअसल चीन एक बेहद खतरनाक परमाणु पनडुब्बी का विकास कर रहा है। इस पनडुब्बी की खासियत ये है कि यह बेहद शांत रहकर समुद्र में गश्त करने में सक्षम होगी, जिसके चलते इसका पता लगा पाना बेहद मुश्किल होगा। अनुमान है कि इस दशक के अंत तक चीन इस नई परमाणु पनडुब्बी का निर्माण पूरा कर लेगा।
अमेरिका-जापान समेत भारत की बढ़ी परेशानी
रक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि चीन 096 टाइप की बैलेस्टिक मिसाइलों का निर्माण कर रहा है। इन परमाणु पनडुब्बियों में रूसी तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है, जिससे ये समुद्र में संचालन के दौरान बेहद कम आवाज करेगी, जिससे इसे ट्रैक कर पाना अमेरिका समेत अन्य सहयोगी देशों के लिए बेहद मुश्किल होगा। बीती मई में यूएस नेवल वॉर कॉलेज में आयोजित हुए सम्मेलन में इस पर चर्चा हुई और चीन के मेरीटाइम स्टडीज इंस्टीट्यूट ने अगस्त में प्रकाशित एक लेख में नई परमाणु पनडुब्बी की खासियतों के बारे में जानकारी दी है। अभी चीन की परमाणु पनडुब्बियां परमाणु हमला करने की पूरी ताकत के साथ दक्षिण चीन सागर और हिंद प्रशांत महासागर में गश्त करती रहती हैं। अमेरिका और भारत-जापान समेत उसके अन्य सहयोगी देश चीन की परमाणु पनडुब्बियों पर नजर रखते हैं लेकिन 096 पनडुब्बी के आने के बाद इन देशों की चुनौती कई गुना बढ़ जाएगी।
रूसी तकनीक से पनडुब्बी विकसित कर रहा चीन
अभी चीन की नौसेना 094 परमाणु पनडुब्बी का संचालन करती है, जिस पर चीन की अत्याधुनिक सबमरीन लॉन्च जेएल-3 मिसाइल तैनात है लेकिन यह पनडुब्बी काफी शोर करती है, जिसके चलते इस ट्रैक कर पाना थोड़ा आसान है लेकिन 096 के आने के बाद दुनिया के देशों की चिंता बढ़ सकती है। इन परमाणु पनडुब्बी के आने से चीन की नौसैन्य क्षमताओं में काफी इजाफा होगा। चीन इस पनडुब्बी को रूसी तकनीक के सहयोग से विकसित कर रहा है लेकिन अभी तक दोनों देशों ने इसे लेकर कोई जानकारी नहीं दी है।