भारतीय जनता पार्टी के ओजस्वी नेता और देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के 99वें जन्मदिन पर रिलीज के लिए प्रस्तावित फिल्म ‘मैं अटल हूं’ के निर्माताओं के खिलाफ बॉम्बे हाईकोर्ट में मुकदमा हो गया है। निर्माताओं पर आरोप है कि बीते साल जून में जिस किताब पर आधारित इस फिल्म का उन्होंने एलान किया था, फिल्म बनने के बाद अब वे इस किताब व फिल्म के लेखकों से पल्ला झाड़ने की फिराक में हैं। इस बारे में फिल्म निर्माता संदीप सिंह ने संपर्क किए जाने पर सिर्फ इतना ही कहा कि ये मुकदमा पुस्तक की प्रकाशक कंपनी पेंगुइन इंडिया ने दायर नहीं किया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बायोपिक ‘पीएम नरेंद्र मोदी’ बनाने वाले निर्माता संदीप सिंह ने भानुशाली स्टूडियोज के साथ मिलकर इस फिल्म का एलान बीते साल 28 जून को किया था। फिल्म की घोषणा करते वक्त जारी प्रेस रिलीज के मुताबिक, ये फिल्म पेंगुइन रैंडम हाउस इंडिया की सबसे ज्यादा बिकने वाली किताबों में से एक ‘द अनटोल्ड वाजपेयी: पॉलिटिशियन एंड पैराडॉक्स’ का नाटकीय रूपांतरण बताई गई थी। इस किताब के लेखक हैं, उल्लेख एन पी।
इसके बाद पिछले साल ही अटल बिहारी वाजपेयी के जन्मदिन 25 दिसंबर को फिल्म के निर्माताओं ने एलान किया कि इस फिल्म में अभिनेता पंकज त्रिपाठी शीर्षक भूमिका करने जा रहे हैं। अटल बिहारी वाजपेयी के रूप में उनका एक चित्र भी निर्माताओं ने इस दिन जारी किया। फिल्म की जब पहली घोषणा हुई थी तब इसका नाम ‘मैं रहूं या ना रहूं, ये देश रहना चाहिए: अटल’ रखा गया था, हालांकि फिल्म का पहला लुक जब जारी हुआ तो फिल्म का नाम बदलकर ‘मैं अटल हूं’ कर दिया गया।
कहा गया कि अटल बिहारी वाजपेयी की बायोपिक ‘मैं अटल हूं’ में पूर्व प्रधानमंत्री के राजनीतिक जीवन के अलावा उनके एक प्रतिष्ठित कवि होने, लोकप्रिय जननेता होने और मानवीय गुणों से भरपूर एक उत्कृष्ट प्रशासक होने की छवियां प्रस्तुत की जाएंगी। फिल्म के लेखन का जिम्मा उत्कर्ष नैथानी को सौंपा गया था और इसके बनाए गए निर्देशक रवि जाधव। सूचना के मुताबिक तब इस फिल्म को विनोद भानुशाली, संदीप सिंह, सैम खान और कमलेश भानुशाली की टीम बतौर निर्माता बना रही थी और फिल्म के सह निर्माताओं के रूप में जीशान अहमद और शिव शर्मा भी इससे जुड़े रहे।
फिल्म ‘मैं अटल हूं’ को लेकर झगड़े की शुरुआत तब हुई जब इसके निर्माताओं ने फिल्म के लेखक उत्कर्ष नैथानी को इस फिल्म से अलग कर दिया। उत्कर्ष ही निर्माता संदीप सिंह की फिल्म ‘स्वातंत्र्यवीर सावरकर’ भी लिख रहे थे और इस फिल्म से भी जब उन्हें अलग किया गया तो उन्होंने इसके लिए उन्हें कानूनी नोटिस भेज दी। उत्कर्ष इस बारे में फिलहाल कुछ भी नहीं कहना चाहते हैं। व्हाट्सऐप पर इस बाबत भेजे गए संदेश के जवाब में उनका उत्तर था कि उनकी कानूनी टीम ने उन्हें इस बारे में बात करने से मना किया है।