Moradabad: नजमा बुर्का पहन बेधड़क दौड़ा रही ई-रिक्शा, कहा- अब यूपी में नहीं लगता डर, तमन्ना हज और उमरा करना

Moradabad: नजमा बुर्का पहन बेधड़क दौड़ा रही ई-रिक्शा, कहा- अब यूपी में नहीं लगता डर, तमन्ना हज और उमरा करना



मुरादाबाद में ई रिक्शा चला रही नजमा
– फोटो : अमर उजाला

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मुरादाबाद की रहने वाली नजमा सभी के लिए मिसाल बन चुकी हैं। वह जिले में ऑटो रिक्शा चलाने वाली पहली महिलाओं में से एक हैं। दूसरे को प्रेरणा देने वाली नजमा को काफी सम्मान और प्रशंसा भी मिल रही है। उनका कहना है कि वह रोजाना 500 से 600 रुपये कमा रही हैं।

महिला चालक होने के नाते लोग उनके रिक्शे को स्पेशल बुक करके ले जाते हैं। महानगर की सड़कों पर बेधड़क ई-रिक्शा चलाने वाली नजमा ने बताया कि उसके पति की दस साल पहले मौत हो गई थी। ऐसे में परिवार के सामने रोजी-रोटी का संकट आ गया था।

कुछ दिन उन्होंने सिलाई का काम किया लेकिन इससे आर्थिक स्थिति बेहतर नहीं हो पाई। खराब स्थिति को देख बेटे ने भी किसी दुकान में काम करना शुरू कर दिया। इसके बाद खाने-पीने का जुगाड़ होने लगा। उन्होंने बताया कि मन में हमेशा कुछ नया करने का जज्बा था लेकिन कोई मौका नहीं मिल रहा था।

एक दिन किसी ने ई-रिक्शा चलाने के बारे में बताया तो वह इसके लिए तैयार हो गई। बुर्का पहनकर रात के समय बेधड़क ई-रिक्शा चलाने वाले नजमा ने बताया कि सरकार और पुलिस के चलते यह संभव हुआ है। चार महीने से लगातार ई-रिक्शा चलाते हुए उन्हें कभी डर नहीं लगा।

पुलिस वाले भी उनकी मदद करते हैं। कहा कि उसकी बस एक ही तमन्ना है हज और उमरा करें। मगर इसके लिए बड़ी रकम की जरूरत है। बेटा और वह थोड़ी-थोड़ी रकम जमा कर रहे हैं। खुदा उनकी इच्छा जरूर पूरा करेंगे। नजमा ने कहा कि जरूरी है कि महिलाएं आत्मनिर्भर बने।

उन्हें दूसरे के पैसों के लिए डिपेंट नहीं रहना चाहिए। परिवार को बेहतर तरीके से चलाने के लिए ई-रिक्शा चलाना शुरू किया। कई महिलाएं सवारी भी उनके इस बारे में बात करती हैं। 



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