UP: सलाखों के पीछे मुलाकात के लिए तरस रहा था सद्दाम, जेल में ही बंद थे दस गुर्गे; जेलकर्मी भी न मिलाते थे नजर

UP: सलाखों के पीछे मुलाकात के लिए तरस रहा था सद्दाम, जेल में ही बंद थे दस गुर्गे; जेलकर्मी भी न मिलाते थे नजर



सांकेतिक तस्वीर
– फोटो : अमर उजाला

विस्तार


बरेली सेंट्रल जेल टू में सद्दाम के आने के बाद से भारी उथल-पुथल का माहौल था। सद्दाम और उसके दोस्त आतिन को शहर के अगल-बगल जिलों की जेल में ट्रांसफर करके इसे शांत करने का काम किया गया है। जेल में पहले की तरह गिरोहबंदी पनपने के आसार थे, लेकिन शासन के इस फैसले से यह पूरी तरह खत्म हो गए हैं।

महंगे होटलों में गुर्गे को दावत देने का शौकीन सद्दाम हाई सिक्योरिटी बैरक में अवसाद जैसी स्थिति के बीच वक्त काट रहा था। इसी जेल में अशरफ के बंद रहने के दौरान सद्दाम ने उसके ऐशोआराम का हर इंतजाम कराया। जेल अधीक्षक से लेकर संतरी तक को अशरफ की ओर से बख्शीश सद्दाम ही देता था। 

उमेशपाल हत्याकांड के बाद ये सच बेपर्दा हुआ तो जेल अधीक्षक समेत आठ लोग निलंबित किए गए। बिथरी थाने में मामला दर्ज हुआ जिसमें गुर्गों के साथ ही दो जेलकर्मी भी शामिल थे। जेल के दो आरक्षी शिवहरि अवस्थी, मनोज गौड़ के साथ ही लल्ला गद्दी, फुरकान नबी, सर्फुद्दीन, राशिद अली, आरिफ, फरहद व गुड्डू समेत नौ लोग इसी जेल में बंद थे, आतिन की आमद और होने से इनकी संख्या दस हो गई थी।

सूत्र बताते हैं कि सद्दाम बैरक में असामान्य व्यवहार करने लगा था। खाना देने और निगरानी करने वाले आरक्षियों से वह लगातार यही बात कहता था कि वह कोई शातिर या पेशेवर अपराधी नहीं है जो उसे इस तरह की बैरक में रखा गया है। उसे सामान्य बैरक में नहीं रखा गया तो वह किसी दिन दीवार में सिर मारकर जान दे देगा।

 



Source link

Facebook
Twitter
LinkedIn
Pinterest
Pocket
WhatsApp

Related News

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *