SDM Yogesh Kumar Gaur: पहली तैनाती में मिले कदाचार के दोषी, सीएम को धमकी देने वाले को दी थी जमानत

SDM Yogesh Kumar Gaur: पहली तैनाती में मिले कदाचार के दोषी, सीएम को धमकी देने वाले को दी थी जमानत




SDM Yogesh Kumar Gaur
– फोटो : X- @YogeshK82569179

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देवरिया जिले में फतेहपुर सामूहिक हत्याकांड के बाद निलंबित किए गए एसडीएम योगेश कुमार गौड़ का विवादों से पुराना नाता रहा है। अपनी पहली तैनाती में ही कदाचार के दोषी पाए जा चुके हैं। पीलीभीत में जमीन के विवाद में फंसने के बाद उनका रुद्रपुर तबादला किया गया था। यहां पर उन्होंने मुख्यमंत्री को धमकी देने वाले को पलभर में जमानत दे दी थी। इसके बाद अब फतेहपुर कांड में भी लापरवाही पर निलंबन की कार्रवाई की गई है।

एसडीएम योगेश कुमार गौड़ इसी वर्ष अप्रैल माह में पीलीभीत से स्थानांतरित होकर जनपद में आए थे। कुछ दिनों तक सदर एसडीएम रहे, इसके बाद रुद्रपुर तैनात हो गए। पूर्व में तैनाती के दौरान पीलीभीत में भूमि के विवाद में फंसने पर चर्चा में आए थे। वहां 15 करोड़ की जमीन कालोनाइजरों के नाम करने का आरोप लगा था।

वहीं, देवरिया सदर एसडीएम रहते हुए मुख्यमंत्री को धमकी देने वाले आरोपी को पल भर में जमानत दे दी थी। इतना ही नहीं एक दायर वाद में एक ही तिथि को दो आदेश कर दिए थे। जिसकी जांच एडीएम प्रशासन को सौंपी गई है।

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पीलीभीत में पहली तैनाती के दौरान योगेश कुमार गौड़ ने राजस्व अभिलेखों में राज्य सरकार के नाम दर्ज करीब 15 करोड़ रुपये की कामर्शियल संपत्ति (सरकारी तालाब) के मुकदमे में प्रभावित पक्षकार राज्य सरकार को सुने बिना ही एक ऐसे एक्ट के तहत फैसला सुना दिया, जो वर्ष 2016 से उत्तर प्रदेश में निरसित (समाप्त) घोषित है। शिकायत पर शासन ने जांच कराई तो पीलीभीत के प्रकरण में एसडीएम को न्यायिक कदाचार का दोषी करार दिया गया।



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