मुरादाबाद। 29 जून को देवशयनी एकादशी है। मान्यता है कि इसी दिन से भगवान श्रीहरि क्षीरसागर में विश्राम करने के लिए चले जाते हैं। इसके साथ ही मांगलिक कार्यक्रम जैसे शादी, मुंडन संस्कार, गृह प्रवेश आदि पर रोक लग जाती है। इसके बाद देवोत्थान एकादशी पर देव जगने के बाद से मांगलिक कार्यक्रम शुरू होते हैं। इस बार सावन माह का अधिकमास होने की वजह से शुभ मांगलिक कार्यक्रमों की शुरुआत के लिए एक महीना ज्यादा इंतजार करना पड़ेगा। चातुर्मास चार माह के बजाय पांच माह का होगा।
ज्योतिषाचार्य पंडित सुरेंद्र शर्मा ने कहा कि देवशयनी एकादशी वर्ष की सबसे महत्वपूर्ण एकादशी में से एक है। इस बार देवशयनी एकादशी 29 जून को है। पुराणों के अनुसार एकादशी व्रत करने वाला व्यक्ति कभी संकटों से नहीं घिरता। इस व्रत की महिमा स्वयं श्रीकृष्ण ने युधिष्ठिर को बताई थी। एकादशी व्रत के प्रभाव से जातक को मोक्ष मिलता है, सर्व कार्य सिद्ध हो जाते हैं, दरिद्रता दूर होती है, अकाल मृत्यु का भय नहीं सताता, शत्रुओं का नाश होता है, धन, ऐश्वर्य, कीर्ति, पितरों का आशीर्वाद मिलता है।
पंडित नारायण शास्त्री ने कहा कि आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि का शुभारंभ 29 जून को तड़के तीन बजकर 18 मिनट पर होगा। इस तिथि का समापन 30 जून की रात 2 बजकर 42 मिनट पर हो जाएगा। पूजा तिथि के अनुसार देवशयनी एकादशी व्रत गुरुवार 29 जून को रखा जाएगा। इस दिन रवि योग बन रहा है, जो सुबह 5 बजकर 26 मिनट से दोपहर 4 बजकर 30 मिनट तक रहेगा।