Sikkim
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सिक्किम में हिमनद झील के फटने के बाद आई विनाशकारी बाढ़ में करीब सौ लोगों की मौत हो चुकी है। कई लोग अब भी लापता हैं। इस बीच, सिक्किम में दो उच्च जोखिम वाली हिमनद झीलों पर स्थापित मौसम स्टेशनों को लेकर नई जानकारी सामने आई है। हिमनद झीलों पर लगाए गए सौर ऊर्जा संचालित ट्विन-कैमरे और मौसम की जानकारी देने वाले स्टेशनों में से एक ने सितंबर में स्थापित किए जाने के तीन दिन के बाद ही सिग्नल देना बंद कर दिया था।
इसे एनडीएमए के नेतृत्व वाली दो कंपनियों की टीमों द्वारा 16 सितंबर को स्थापित किया गया था। इसके कुछ दिन बाद मूसलाधार बारिश और हिमनद झील के फटने के कारण तीन अक्तूबर को उत्तरी सिक्किम में अचानक बाढ़ आ गई थी।
राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) ने गुरुवार को एक बयान में कहा, सिक्किम में 15,000-16,000 फीट की ऊंचाई पर स्थित दो उच्च जोखिम वाली हिमनद झीलों, साउथ ल्होनक लेक और शाको चो (Shako Cho) लेक में 16 सितंबर, 2023 को दो सौर ऊर्जा संचालित ट्विन-कैमरा, स्वचालित मौसम स्टेशन स्थापित किए गए थे।
बयान में कहा गया है कि दूरस्थ स्थान, कठोर जलवायु, इलाके और स्थलाकृति और मानव रहित प्रणाली की स्थापना को ध्यान में रखते हुए स्टेशनों की सुरक्षा और कार्यक्षमता सुनिश्चित करने के लिए काफी तैयारी की आवश्यकता थी।
एनडीएमए ने कहा कि यह इस तरह का पहला मिशन था, जो उचित स्थानों की पहचान करने और स्वचालित मौसम स्टेशन (एडब्ल्यूएस) स्थापित करने में सफल रहा। इसने अगले अभियान के लिए एंड-टू-एंड शुरुआती चेतावनी प्रणाली के लिए सेंसर की श्रृंखला स्थापित करने और संभावित बचाव उपायों का सुझाव देने के लिए संभावित स्थानों की पहचान की है।
19 सितंबर को साउथ ल्होनक लेक पर स्थापित उपकरण हुआ बंद
एनडीएमए के मुताबिक, इससे रोजाना तस्वीरों का एक सेट और मौसम के बारे में 250 से अधिक सूचनाएं मिलती थीं। हालांकि, 19 सितंबर के बाद साउथ ल्होनक लेक पर स्थापित उपकरण ने सूचनाएं भेजना बंद कर दिया। भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) की एक टुकड़ी ने 28 सितंबर को उपकरण को अपनी जगह पर पाया, लेकिन इसे ठीक नहीं किया जा सका। शाको चो पर स्थापित उपकरण अब भी तस्वीरें और संलग्न भेज रहा है।