पीड़िता की सांकेतिक तस्वीर
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गर्भ में पल रहे बच्चे की मौत के बाद ऑपरेशन में डॉक्टर की लापरवाही नव विवाहिता के लिए भारी पड़ गई है। परिजनों का आरोप है कि गलत तरीके से ऑपरेशन के चलते संक्रमण से विवाहिता का गर्भाशय ही निकालना पड़ा है। शादी के महज आठ माह बाद ही इस घटना से परिजन सदमे में हैं। उन्होंने ने डॉक्टर पर कार्रवाई के लिए उच्चाधिकारियों से गुहार लगाई है। मामला केकराही क्षेत्र के एक निजी अस्पताल का है।
सदर कोतवाली क्षेत्र के मदार निवासी राजकुमार के बेटे शैलेंद्र मौर्य की 8 माह पहले ही शादी हुई थी। सीएमओ, पुलिस सहित अन्य अधिकारियों को दिए गए प्रार्थना पत्र में शैलेंद्र ने बताया कि उसकी पत्नी नीतू के गर्भवती होने पर अल्ट्रासाउंड कराया गया तो बच्चा ठीक था। इस बीच 22 सितंबर को उसकी पत्नी को अचानक रक्तस्राव होने लगा।
डॉक्टरों ने बिना किसी जांच कहा- बच्चा मर गया है
परिजन उसे केकराही क्षेत्र स्थित एक अस्पताल ले गए, वहां चिकित्सक राहुल कुमार और स्टाफ शशिकांत दुबे ने बिना जांच कहा कि बच्चा मर गया है। उन लोगों ने ऑपरेशन करा दिया, जिससे उसकी तबीयत काफी खराब हो गई। उसे वाराणसी के एक निजी अस्पताल भेज दिया गया।