Israel War: हमास की हैवानियत का कारण ‘गरीबों की कोकिन’? इस्राइल पर हमले से पहले उत्तेजक ड्रग कैप्टागन का सेवन!

Israel War: हमास की हैवानियत का कारण ‘गरीबों की कोकिन’? इस्राइल पर हमले से पहले उत्तेजक ड्रग कैप्टागन का सेवन!



इस्राइल और हमास का युद्ध
– फोटो : amar ujala graphics

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इस्राइल पर अंधाधुंध रॉकेट हमले के दौरान हमास के आतंकवादी नशे में थे। एक रिपोर्ट में चौंकाने वाला दावा किया गया है। रिपोर्ट के अनुसार, आतंकियों ने जिस ड्रग्स का इस्तेमाल किया इसे ‘गरीबों की कोकीन’ के रूप में भी जाना जाता है। रिपोर्ट के अनुसार, कथित तौर पर उत्तेजित करने वाले ड्रग्स के सेवन के बाद हमास के आतंकवादियों ने मानवता को शर्मसार करने वाली क्रूरता के साथ आपराधिक वारदात को अंजाम दिया। 

बता दें कि हमास के आतंकवादियों ने बीते 7 अक्टूबर को इस्राइल पर अभूतपूर्व और चौंकाने वाला रॉकेट हमला किया। 1400 से अधिक इस्राइली आतंकी हमले में मारे गए। हमले से पहले कथित तौर पर एक साइकोएक्टिव दवा- कैप्टागन का सेवन करने के बाद आतंकियों ने महिलाओं, बच्चों और इस्राइली नागरिकों के साथ बर्बरता की। द येरुशलम पोस्ट की एक रिपोर्ट के अनुसार, आतंकवादी सिंथेटिक एम्फ़ैटेमिन-प्रकार के उत्तेजक ड्रग्स- कैप्टागन के प्रभाव में थे।

जेरूसलम पोस्ट की रिपोर्ट में कहा गया है कि इस्राइल में मारे गए हमास के कई आतंकवादियों की जेब से कैप्टागन गोलियां बरामद की गईं। रिपोर्ट के अनुसार इस नशीली दवा को ‘गरीबों की कोकीन’ के रूप में भी जाना जाता है। दवा के प्रभाव के कारण हमास के आतंकवादियों ने काफी लंबे समय तक बेपरवाही से तांडव मचाना जारी रखा। इसके अलावा, कैप्टागन के असर के कारण ही आतंकी लंबे समय तक बेहद सतर्क रहे। नशीली दवा के असर के कारण आतंकियों को भूख-प्यास तक का एहसास नहीं हुआ।

कैप्टागन पहली बार 2015 में चर्चा में आया था। उस समय की रिपोर्ट्स के अनुसार, इस्लामिक स्टेट के लड़ाकों ने आतंकवादी वारदात को अंजाम देने से पहले डर को दबाने के लिए कैप्टागन का ही इस्तेमाल किया था। पिछले आठ साल में इस्लामिक स्टेट का प्रभाव कम होता गया। सीरिया और लेबनान ने इलाकों पर नियंत्रण हासिल किया। हालांकि, इस्लामिक स्टेट का प्रभाव कम होने के बावजूद पश्चिमी एशिया के कई इलाकों में बड़े पैमाने पर कैप्टागन दवा का उत्पादन और वितरण जारी रहा।

द येरूशलम पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, गाजा विशेष रूप से कैप्टागन का लोकप्रिय और बड़ा बाजार बनकर उभरा। खबरों के अनुसार, इस क्षेत्र के युवा धड़ल्ले से गरीबों की कोकिन- कैप्टागन का इस्तेमाल करते हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, गरीब देशों में यह दवा 1 डॉलर या 2 डॉलर में खरीदी जा सकती है, जबकि अमीर देशों में इसकी कीमत 20 डॉलर प्रति गोली तक हो सकती है।

इंडिया टुडे की एक रिपोर्ट में कैप्टागन के दुष्प्रभावों को रेखांकित किया गया है। इस रिपोर्ट के मुताबिक एम्फ़ैटेमिन फैमिली की इस दवा का इस्तेमाल मूल रूप से ध्यान से जुड़े विकारों के इलाज में किया जाता है। नार्कोलेप्सी और अवसाद से निपटने के लिए विकसित कैप्टागन दवा का बेलगाम सेवन इंसानों को हैवान बना सकता है। अत्यधिक इस्तेमाल के कारण नशे की लत जैसे हालात उभरते हैं।



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