Gaza Strip Map
– फोटो : Social Media
विस्तार
हमास ने लगभग 200 बंधकों में से दो को छोड़ दिया है। ये दोनों अमेरिकी मां-बेटी हैं। हमास की सैन्य इकाई के प्रवक्ता अबू उबैदा ने एक बयान में कहा कि कतर की मध्यस्थता के बाद मानवीय आधार पर दोनों को रिहा किया गया है। इस्राइली मीडिया चैनल 13 न्यूज और कान ने कहा कि इस्राइल ने दो बंधकों को छोड़े जाने की पुष्टि की है। हालांकि, मीडिया रिपोर्ट में यह नहीं बताया गया कि इस्राइल की तरफ से किसने बंधकों की रिहाई की पुष्टि की है। यह भी साफ नहीं हो पाया है कि बंधकों को कहां छोड़ा गया है।
हमास की सैन्य शाखा अल-कासम ब्रिगेड के प्रवक्ता अबू उबैदा ने भी शुक्रवार को गाजा से दो अमेरिकी बंधकों को रिहा करने की पुष्टि की। हमास ने दावा किया था कि सात अक्तूबर को दक्षिणी इस्राइल में किए गए घातक हमले के दौरान लगभग 200 लोगों को बंधक बना लिया था। हमास का कहना है कि 50 अन्य लोगों को अन्य सशस्त्र समूहों ने बंधक बनाकर रखा है। बयान में कहा गया है कि इस्राइल के हवाई हमलों में 20 से अधिक बंधक मारे गए हैं।
अल-कासम ब्रिगेड के प्रवक्ता उबैदा ने कहा कि उन्होंने नागरिकों को मानवीय आधार और अमेरिकी लोगों और दुनिया को यह साबित करने के लिए रिहा किया है कि राष्ट्रपति जो बाइडन और उनके फासीवादी प्रशासन द्वारा किए गए दावे झूठे और निराधार हैं।
हमास ने अन्य बंधकों को छोड़ने के बदले इस्राइल की जेलों में बंद 6,000 फलस्तीनियों को रिहा करने की शर्त रखी है। लेकिन इस्राइली पीएम बेंजामिन नेतन्याहू ने इस शर्त को मानने से साफ कर दिया है। इस्राइल ने हमास का सफाया करने के लिए जंग का एलान किया है। इस्राइल ने कहा है कि वह हमास का सफाया करते हुए बंधकों को मुक्त कराने के लिए कार्य करेगा।
रूस-यूक्रेन युद्ध, इस्राइल-हमास संघर्ष पर चर्चा
इधर, नई दिल्ली में भारतीय सेना के शीर्ष कमांडरों ने रूस-यूक्रेन युद्ध और इस्राइल-हमास संघर्ष पर गंभीर विचार विमर्श किया है ताकि इससे सबक लेते हुए भविष्य में इस तरह के खतरों और चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयारी की जा सके। राष्ट्रीय राजधानी में 16 से 20 अक्तूबर तक चले सेना के कमांडर सम्मेलन में चीन से लगती वास्तविक नियंत्रण रेखा की स्थिति और किसी भी आकस्मिक स्थिति से निपटने के लिए भारतीय सेना की युद्ध की तैयारी को मजबूत करने के तौर तरीकों पर भी मंथन किया गया। अधिकारियों ने बताया कि सम्मेलन में वर्तमान और उभरते सुरक्षा परिदृश्यों पर विचार-मंथन किया और भारतीय सेना की परिचालन तैयारियों की समीक्षा की।