गाजा पट्टी
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इस्राइल और हमास के बीच जारी युद्ध को खत्म कराने के लिए मिस्र की राजधानी काहिरा में हुई अरब और यूरोपीय देशों के नेताओं की बैठक बेनतीजा रही। हमास के हमले के बाद गाजा में पिछले दो हफ्ते से बमबारी को लेकर मिस्र और जॉर्डन ने इस्राइल की कड़े शब्दों में आलोचना की और उसकी कार्रवाई पर नाराजगी जताई। यूरोपीय देशों के नेताओं ने कहा कि नगारिकों को बचाया जाना चाहिए।
जल्दबाजी में बुलाए गए काहिरा शिखर सम्मेलन में जॉर्डन, फ्रांस, जर्मनी, रूस, चीन, ब्रिटेन, अमेरिका, कतर और दक्षिणी अफ्रीका के प्रतिनिधि शामिल हुए। इसके अलावा संयुक्त राष्ट्र और यूरोपीय संघ के प्रतिनिधि भी शामिल हुए। मेजबान मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सीसी ने गाजा से 23 लाख फलस्तीनियों को सिनाई प्रायद्वीप में भेजे जाने को लेकर किसी भी तरह की वार्ता को खारिज किया। जॉर्डन के किंग अब्दुल्ला द्वितीय ने इस्राइल की तरफ से गाजा की घेराबंदी और बमबारी को युद्ध अपराध बताया। अरब देशों के प्रतिनिधियों के भाषणों से साफ था कि इस्राइल के हमले को लेकर क्षेत्र में नाराजगी बढ़ रही है।
इस बीच इस्राइली सेना में गाजा पट्टी में बमबारी तेज करने की घोषणा की है।