यूपी पुलिस
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अलीगढ़ के खैर तहसील में पहुंचे फर्जी एसडीएम को पहली बार में मुकदमा दर्ज कर जेल न भेजने और रुपये लेकर छोडऩे के मामले में इंस्पेक्टर खैर व हल्का प्रभारी पर गाज गिर गई है। दोनों को शुक्रवार रात एसएसपी स्तर से लाइन हाजिर कर दिया गया। वहीं थाने पर तैनात दूसरे अपर निरीक्षक को भी वहां से हटाया गया है। यह कार्रवाई एसपी देहात की जांच रिपोर्ट के आधार पर की गई है।
पुलिस प्रवक्ता के अनुसार खैर तहसील के संपूर्ण समाधान दिवस में एक फर्जी एसडीएम को पकड़ कर थाना पुलिस को सौंपा गया था। इस प्रकरण में देरी से मुकदमा लिखने व उसे थाने से ही उसे छोडऩे का आरोप थाना पुलिस पर लगा। साथ में आरोपी के परिवार ने इंस्पेक्टर पर रुपये लेने का भी आरोप लगाया। मामले में एसएसपी ने एसपी देहात को जांच सौंपी थी। इस जांच रिपोर्ट में इंस्पेक्टर को दोषी पाया गया। साथ में एक अन्य मामले में न्यायालय के आदेश के बावजूद अपहरण/फिरौती के मुकदमे में कुर्की आदेश तामील न कराने में लापरवाही सामने आई।
दोनों मामलों में दोषी मानते हुए इंस्पेक्टर बृजेश कुमार व हल्का प्रभारी एसआई हरपाल सिंह को लाइन हाजिर करते हुए विभागीय कार्रवाई प्रचलित की गई है। वहीं अपर इंस्पेक्टर खैर बंशीधर पांडेय को क्राइम ब्रांच में तैनाती दी गई है। बरला के इंस्पेक्टर सुबोध कुमार को खैर का नया इंस्पेक्टर बनाया है। वहीं ताला नगरी चौकी प्रभारी संजीव कुमार को बरला का नया एसओ बनाया है। संजीव का यह पहला चार्ज है।