मुरादाबाद। श्री दिगंबर जैन धर्मशाला घास मंडी में गुरु मां सृष्टि भूषण एवं विश्वयश मति माता ने सभी को आशीष वचन दिए। समस्त समाज को समझाया कि रात्रि भोजन के त्याग के पीछे अहिंसा और स्वास्थ्य दो प्रमुख कारण हैं। यह वैज्ञानिक तथ्य है कि रात्रि में सूक्ष्म जीव बड़ी मात्रा में फैल जाते हैं। ऐसे में सूर्यास्त के बाद खाना बनाने और खाने से सूक्ष्म जीव भोजन में प्रवेश कर जाते हैं।
खाना खाने पर ये सभी जीव पेट में चले जाते हैं, जो जैन धर्म के अनुसार जीव हिंसा के अंतर्गत आता है। मानव अन्न के बिना जीवित नहीं रह सकता। अत: मनुष्य को भोजन करना अनिवार्य है, लेकिन कब करना, कब नहीं करना, कितना करना। इसका ज्ञान बहुत आवश्यक है। अंत में माता ने जैन धर्म के मूल सिद्धांतों का पालन करने के लिए कहा और सभी को आशीर्वाद प्रदान किया।
शाम को जैन धर्मशाला में माता के सानिध्य में प्रभु भक्ति एवं गुरु भक्ति संपन्न हुई। चातुर्मास कमेटी के अध्यक्ष एवं संयोजक सर्वोदय जैन, अरविंद जैन, जैन समाज के अध्यक्ष अनिल जैन, मंत्री अरविंद जैन, संदीप जैन, नीरज जैन, नीलम जैन, शिखा जैन आदि मौजूद रहे। ब्यूरो