सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव।
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डॉ. सोनेलाल पटेल की जयंती पर सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि गैर बराबरी तभी खत्म होगी, जब जातीय जनगणना हो और आबादी के हिसाब से सभी को हक और सम्मान मिले। उन्होंने भाजपा सरकार से मांग की कि नौकरियों में पीडीए (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) की हिस्सेदारी को सार्वजनिक किया जाए। समान नागरिक संहिता (यूसीसी) पर अखिलेश ने साफ कहा कि वह इसके विरोध में हैं।
सपा मुख्यालय में स्थित लोहिया सभागार में आयोजित कार्यक्रम में सपा प्रमुख ने कहा कि जातीय जनगणना देश की जरूरत है ताकि वंचितों को बराबरी का दर्जा दिया जा सके। सवाल किया कि जितने रोजगार अभी तक दिए हैं, सरकार बताए कि पीडीए के लोग कितने हैं क्योंकि जब हम सरकार में थे तब खूब लिस्ट जारी होती थी। कई राज्यों में राजनीतिक उठापटक पर बोले कि पहले मध्य प्रदेश भाजपा की प्रयोगशाला थी। अब महाराष्ट्र उससे बड़ी प्रयोगशाला हो गई है। सवाल किया कि मुनाफा किसकी जेब में जा रहा है। उधार लेकर अर्थव्यवस्था संभाली जा रही है।
कार्यक्रम में अपना दल कमेरावादी की राष्ट्रीय अध्यक्ष कृष्णा पटेल ने कहा कि सोनेलाल पटेल के जन्मदिवस पर जातिवार जनगणना पर चर्चा ही उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि है। उन्होंने कहा कि पिछड़ों के नकली नेताओं का दौर अब समाप्त होने वाला है। पिछड़ों और वंचितों की लड़ाई में हम अखिलेश यादव का साथ देंगे।
समाजवादी चिंतक और पूर्व सांसद उदय प्रताप सिंह ने जातिवार जनगणना की जरूरत बताते हुए कहा कि 1931 की जातीयगणना आज भी हर नीति का आधार है। जबकि 1947 में विभाजन के बाद इसका कोई महत्व नहीं रह गया। आज नए सिरे से जातीय जनगणना हो जाए तो 60 फीसदी पिछड़े मिलेंगे। उन्होंने महिलाओं को पिछड़ा बताते हुए कहा कि उन्हें भी जोड़ लें तो संख्या 85 फीसदी हो जायेगी।
कमेरा चेतना फाउंडेशन के अध्यक्ष पंकज निरंजन ने कहा कि डॉ. सोने लाल पटेल की जयंती पर श्रद्धा का इससे बेहतर रास्ता नहीं था कि उनकी जयंती पर जातीय जनगणना और पिछड़ों की बात उठाएं। बिलाल साबरी ने अखिलेश पर कविता सुनाकर वाहवाही लूटी। शाहनवाज साबरी ने मुलायम सिंह, सपा और अखिलेश पर संगीतमय प्रस्तुति दी।
कन्नौज सोनेलाल की जन्मस्थली, मेरी कर्मस्थली
अखिलेश ने कहा कि अपना दल के संस्थापक डॉ सोनेलाल पटेल का जन्म स्थान कन्नौज था और मेरी कर्मस्थली भी कन्नौज है। उन्होंने प्रयागराज में पीडी टंडन पार्क में डॉ. पटेल पर हुआ हमला याद दिलाते हुए कहा कि सभी को पता है कि किसने कराया था। इस हमले के बाद बरसों उन्हें इलाज कराना पड़ा लेकिन पूरी तरह ठीक नही हो सके।
अब एमओयू वालों की हो रही तलाश
अखिलेश ने ग्लोबल इन्वेस्टमेंट मीट पर कटाक्ष करते हुए कहा कि इन्वेस्टमेंट मीट तो हुई लेकिन एमओयू जमीन पर होते तो यूपी की तस्वीर अलग होती। जीडीपी की ग्रोथ रेट नीचे होने से साफ है कि गरीब का घर खुशहाल नही है। कहा कि डीएम ने चालू कारखानों को भी एमओयू में शामिल कर दिया। अब नए एमओयू वाले नही मिल रहे। उन्हें खोजने के लिए अधिकारी विदेश जा रहे हैं। जीडीपी की नीची ग्रोथ रेट पर सवाल उठाते हुए कहा कि मैन्यूफैक्चरिंग को लेकर बड़े बड़े सपने दिखाए जा रहे हैं।